हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम-1967 के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किए गए एक संगठन ‘सिक्ख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ को और पांच साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित करने हेतु केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है तथा इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण का गठन किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता की अध्यक्षता में गठित यह न्यायाधिकरण एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के कारणों का अध्ययन करके अपना निर्णय देगी। न्यायाधिकरण ने इस संबंध में 14 अगस्त को आदेश पारित करते हुए एसएफजे को एक नोटिस जारी किया है।
उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि न्यायाधिकरण द्वारा 14 अगस्त को पारित किए गए आदेश की प्रति हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के माध्यम से जिला प्रशासन हमीरपुर को भी प्राप्त हुई है। उपायुक्त ने बताया कि न्यायाधिकरण ने एसएफजे को नोटिस जारी करते हुए एक माह के भीतर निर्धारित प्रक्रिया के तहत जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि न्यायाधिकरण ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को दोपहर बाद ढाई बजे दिल्ली उच्च न्यायालय के परिसर में निर्धारित की है।