शिमला/हिमाचल :- संजौली इकाई द्वारा महाविद्यालय में लिंग संवेदनशील कमिटी को लोकतांत्रिक तरीके से गठन करने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया।
धरना प्रदर्शन का कारण यह था की आज देश व प्रदेश के कार्यस्थलों और शिक्षण संस्थानों मे बढ़ रहे महिला उत्पीड़न के मामले है।
कैंपस अध्यक्ष का कहना था की काफी लंबे समय से देखा गया है की महाविद्यालयों में women cell का गठन तो किया जाता है परंतु उसे कैंपस में प्रशासन द्वारा खुद ही गैर – लोकतांत्रिक तरीके से नियुक्त किया जाता है , जिससे की यह कमिटी पूर्ण रूप से कार्य करने में सक्षम नहीं होती और न ही आम छात्राओं के बीच पहुंच पाती । इस तरीके की कमिटी के सामने न ही अपनी बात खुल कर रख पाती है ।
और इस प्रकार की गैर – लोकतांत्रिक कमिटी शिक्षण संस्थानों के अंदर छात्राओं की आवाज उठाने के बजाय ,उसे दबाने का काम करते है , और प्रधानाचार्यो और शिक्षण संस्थानों के नाम को बचाने की कोशिश करती है । इस तरीके की गैर लोकतांत्रिक कमिटी सिर्फ और सिर्फ प्रशासन के इशारों पर कार्य करती है।
अध्यक्ष का कहना था की लिंग संवेदनशील कमिटी का गठन लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए ताकि छात्र स्वयं अपना प्रतिनिधि चुन सके और ऐसी घटनाओं के खिलाफ खुल कर बात रख सके। और देश प्रदेश में इस प्रकार की बड़ रही घटनाओं को रोका जा सके , और भविष्य में किसी भी छात्रा के साथ महिला उत्पीड़न और शोषण की घटना देखने को न मिले ।
प्रदर्शन के मध्य से एसएफआई ने प्रशासन वे सरकार से यह मांग की के जल्द से जल्द सभी कार्यस्थलों वे शैक्षणिक संस्थानों में लोकतांत्रिक तरीके से लिंग संवेदनशील कमिटी का गठन किया जाए ।