हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कार्यालय टौणीदेवी ने मंगलवार को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों के लिए क्षमता निर्माण एवं संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित की।
इस अवसर पर सीडीपीओ कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि समाज के सभी वर्गों में समानता और विशेषकर, लैंगिक समानता से ही एक स्वस्थ एवं विकसित समाज की नींव रखी जा सकती है। लैंगिक समानता का अर्थ है समाज में लिंगभेद के बिना समान अधिकारों, दायित्वों और अवसरों की व्यवस्था।
सीडीपीओ ने कहा कि पितृ प्रधान व्यवस्था के कारण लैंगिक असमानता, महिलाओं के प्रति सम्मान में कमी तथा उनके मनोभावों को महत्व न देने की प्रवृति हमारे समाज में आज भी गहरी जड़ें जमाए हुए है। इस नकारात्मक व्यवस्था के उन्मूलन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा कार्यकर्ता जैसी फ्रंटलाइन वर्कर्स बहुत बड़ी भूमिका अदा कर सकती हैं। जमीनी स्तर पर कार्य करने वाली इन कार्यकर्ताओं को सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन के लिए आगे होगा।
कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों को समग्रता के साथ क्रियान्वित करने के लिए इन कार्यकर्ताओं को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। तभी विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सार्थक परिणाम सामने आएंगे।
सीडीपीओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन में आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों को वन स्टॉप सेंटर, वुमन हेल्पलाइन, इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम, चाइल्ड हेल्पलाइन, साइबर क्राइम सेल, घरेलू हिंसा से महिलाओं की रक्षा अधिनियम, बाल विवाह रोधी कानून, दहेज विरोधी कानून, शक्ति सदन, सेवा सदन जैसे विषयों की भी विस्तृत जानकारी दी गई।