शिमला/हिमाचल :- हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्ट वर्करज एवं ऑपरेटर यूनियन का राज्य अधिवेशन कालीबाड़ी हॉल शिमला में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन का उद्घाटन ऑल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव आर लक्ष्मैया ने किया।
अधिवेशन को कश्मीर सिंह ठाकुर, विजेंद्र मेहरा व प्रेम गौतम ने संबोधित किया। अधिवेशन में इक्कीस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। बलबीर राणा को अध्यक्ष, सुनील बरवाल को महासचिव, विनोद बिरसांटा को कोषाध्यक्ष, विजय शर्मा, विकास राणा, मनोज टंडन, अमर चंद गजपति, मुनीत को उपाध्यक्ष, सुरेश, नवीन, कैलाश चंद, हकम खान, विकेश विक्कू को सचिव, मथुरा दास, मनोहर शर्मा, रूप चंद, मोहन लाल व प्रेम चंदेल को कमेटी सदस्य चुना गया।
यूनियन ने निर्णय लिया है कि परिवहन मजदूरों व ऑपरेटरों की मांगों को लेकर यूनियन का एक राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के परिवहन मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री श्री मुकेश अग्निहोत्री से मिलेगा।
वक्ताओं ने कहा कि कृषि क्षेत्र के बाद देश में दूसरा सबसे ज़्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र परिवहन क्षेत्र है। इस क्षेत्र में देश में दस करोड़ से ज्यादा लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का भयंकर शोषण होता रहा है। इनके लिए कोई भी सामाजिक सुरक्षा कानून नहीं है। प्रदेश में इनके लिए ट्रांसपोर्ट कल्याण बोर्ड का भी गठन नहीं किया गया है।
मोटर व्हीकल एक्ट में ट्रांसपोर्ट विरोधी प्रावधानों से भविष्य में छोटे ट्रांसपोर्टरों व मजदूरों का उजड़ना तय है। केंद्र सरकार की ट्रांसपोर्ट विरोधी नीतियों से देशी व विदेशी बड़ी कंपनियों का बोलबाला हो जाएगा। बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, ट्रक, ट्राला, तेल के टैंकरों, ई रिक्शा, उबर, ओला, बलाबला आदि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से जुड़े मजदूर पंद्रह घंटे काम करने को मजबूर हैं।
उन्हें ओवरटाइम कार्य का वेतन नहीं मिलता। उनके लिए न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों आदि की कोई सुविधा नहीं है। अडानी जैसी बड़ी कंपनियां प्रदेश के ट्रांसपोर्टरों को बर्बाद करने पर तुली हुई हैं। ट्रांसपोर्टरों की बीमा, विभिन्न टैक्सों व अन्य कई मदों के नाम पर ठगी की जाती है। उनका भयंकर शोषण होता है। यूनियन ने एलान किया है कि इन मुद्दों पर आंदोलन तेज होगा।