शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एसएफआई जिला सचिव कमल ने प्रदर्शन को संबंध संबोधित करते हुए कहा कि संजौली महाविद्यालय में छात्रों के निष्कासन होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है छात्रों के निष्कासन के पीछे कुछ चुनिंदा प्रोफेसर्स जो अपनी राजनीति कैंपस के अंदर करते हैं उनके द्वारा छात्रों को चिन्हित करके निष्कासित किया गया है
पिछले लंबे समय से सफी संजौली महाविद्यालय के अंदर छात्र मांगों को लेकर हॉस्टल फीस बढ़ोतरी वह पीटीए फीस साथ में कैंपस के अंदर नॉन सब्सिडाइज कैफे का विरोध लगातार कर रही थी और साथ में कैंपस के अन्दर महिला सुरक्षा को मजबूत बनाने को लेकर लिंग संवेदनशील कमेटी के गठन के लिए आंदोलन कर रहे थे 18/09/2024 को एसएफआई कैंपस में एक लड़की से छेड़ छाड़ के मामले को लेकर प्रशासन के पास जाती है।
तो प्रशासन के कुछ लोगों द्वारा छात्रों से बदसलूकी की जाती है और इस मामले को दबाने का प्रयास किया जाता है अगले दिन फिर एसएफआई के कार्यकर्ता प्रशासन से कार्यवाही की मांग को लेकर प्राचार्य के पास जाते है लेकिन प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता और छात्रों से दुबारा बदसलूकी की जाती है और अचानक से प्रशासन द्वारा कक्षाओं के वॉट्सएप ग्रुप में मैसेज डाला जाता है कि आज कक्षाएं नहीं होगी और जब छात्र कक्षाओं से बहार आते है तो जबरन कैंपस से छात्रों को बहार निकाला जाता है।
एसएफआई ने प्रशासन के इस फैसले का जमकर विरोध किया लेकिन प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रोफ़ेसरों द्वारा छात्रों से हाथपाई की जाती है और देर शाम को जिन छात्रों से मारपीट की गई थी उन्हें ही निष्कासित कर दिया जाता है।
एसएफआई राज्य कमेटी के साथी संतोष द्वारा डीसी office के बहार प्रदर्शन में बात रखते हुए कहा कि एसएफआई हिमाचल प्रदेश संजौली महाविद्यालय में 6 छात्रों के निष्कासन की निर्णायक लड़ाई को लड़ेगी और प्रशासन व सरकार से अपील करती है कि जल्द से जल्द 6 छात्रों के निष्कासन को वापस लिया जाए अन्यथा एसएफआई आने वाले समय पूरे हिमाचल प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी।