हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- जिले में शहर से लेकर गांव तक लावारिस पशुओं का आतंक है ! कुठेड़ा बस स्टॉप सुजानपुर की सड़कों पर गोवंश का जमावड़ा लगा रहता है ! इस समस्या का समाधान निकालने में सरकार, पशुपालन विभाग और प्रशासन नाकाम रहे हैं !
लावारिस पशुओं के लिए बनाई गई योजनाएं कागजों से बाहर नहीं निकल सकी हैं। जिले में ऐसे पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ! सरकार और प्रशासन की ओर से लावारिस पशुओं की देखभाल संबंधी दावे तो हजार किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है ! जिला हमीरपुर के कुठेड़ा में ही टैग काटे हुए लगे पशु सड़कों और बाजारों में साफ घूमते देखे जा सकते हैं।
इससे बस स्टॉप होने पर चालकों और राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ! हालांकि, पशुपालन विभाग ने पालतू पशुओं की टैगिंग की है ! विभाग के पास पशुओं की संख्या और पशुपालकों की पूरी जानकारी है लेकिन शहर से गांव तक सैकड़ों लावारिस पशु सड़क पर हैं।
इनकी सुध लेेने वाला कोई नहीं है ! सड़क पर इन पशुओं का डेरा होने से चालकों को परेशानी होती है ! साथ ही कई मर्तबा ये लावारिस पशु वाहन की चपेट में भी आ जाते हैं ! दुर्घटना में पशु के साथ चालक भी चोटिल हो जाते हैं ! आपस में लड़ते-लड़ते राहगीरों पर भी कई बार ये हमला कर देते हैं ।
चौकी, ऊबक, संधोल जंगल, मेन बाजार कुठेड़ा, देई दा नौंण पंचायत के गांव,टिब्बी पंचायत, भड़मेली-चबूतरा जंगल व पंचायत चबूतरा के अलावा साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इन पशुओं से परेशान हैं ! कई बार दुकानदार और ग्रामीण प्रशासन और विभाग से लावारिस पशुओं की समस्या से निजात दिलाने की मांग कर चुके हैं ! जल्द सरकार और जिला प्रशासन और अन्य विभागों के साथ मिलकर समस्या को हल करने का प्रयास किया जाएगा ! अगर कोई बड़ा हादसा होने पर जिम्मेदार कौन।
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