कुठेडा़/हमीरपुर :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी के अवसर पर पटलंदर खण्ड कुठेडा़ हमीरपुर में पथ संचलन का आयोजन हुआ ! संचलन में करीब 150 स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाते हुए कुठेडा़ बाज़ार,कुठेडा़ स्कूल और टिब्बी पेट्रोल पंप और के विभिन्न मार्गों से गुजरे।
वहीं, घोष (आरएसएस का बैंड) की स्वर लहरियों ने कुठेडा़ एवम गांव वासियों को अपनी ओर आकर्षित किया ! इस दौरान विभिन्न स्थानों पर सामाजिक संगठनों की ओर से स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 6 उत्सवों में से एक विजयादशमी को संघ अपने स्थापना दिवस के रूप में भी मनाता है! शनिवार को पटलंदर खण्ड कुठेडा़ और जिला में करीब 5 स्थानों पर पहले शस्त्र पूजन हुआ, इसके बाद पथ संचलन किया गया !
इस दौरान स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में कदम से कदम मिलाते हुए देश में एकता और अखंडता का संदेश देते दिखे ! इससे पहले स्वयंसेवकों ने वर्ष भर चलने वाले शारीरिक कार्यक्रम दंड, योग,सूर्य नमस्कार,नियुद्ध और घोष का प्रदर्शन भी किया !
कार्यक्रमों में संघ से जुड़े वरिष्ठ प्रचारक और कार्यकर्ताओं ने अपने संबोधन में आतंकवाद,उग्रवाद समेत अन्य देश विरोधी ताकतों से निपटने के लिए समाज को हमेशा तत्पर रहने का संदेश दिया ! साथ ही शस्त्र पूजन का महत्व भी बताया !
वहीं,पटलंदर खण्ड कुठेडा़ हमीरपुर में विजयदशमी का कार्यक्रम मेला मैदान में हुआ ! मुख्य वक्ता श्रीमान राजेन्द्र शर्मा ( उतर क्षेत्रीय सह व्यवस्था प्रमुख), कार्यकम मुख्य अतिथि मंहत श्री शिव गिरी जी महाराज ( शिव मंदिर भड़मेली) अन्य मंदिर के महंत और पटलंदर खण्ड के संघ चालक चंद्र सुमन जी,अन्य संघ गणमान्य सदस्य और स्वयं सेवक मौजूद रहे !
वहीं,सचिन मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे ! यहां मुख्य अतिथियों की ओर से शस्त्र पूजन किया गया ! वहीं,श्रीमान राजेन्द्र शर्मा ने संघ कार्य को ईश्वरीय कार्य बताते हुए कहा कि सनातन धर्म के बारे में भी बताया ! साथ ही कहा कि स्वयंसेवकों का संघ की शाखाओं में शारीरिक और मानसिक विकास होता है ! अनुशासन सीखने को मिलता है।
जो समाज का विकास करने में भी योगदान देता है ! राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) आज अपने स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है ! डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजय दशमी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी !
राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं ! अन्त में सभी स्वयंसेवकों ने भोजन किया !