आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बनाई जाए स्थाई नीति ना के उन्हे नौकरी से बाहर निकाला जाए

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ  :-  हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ जिला के अध्यक्ष शर्मा ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा की हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की फिराक में है जिसका वह कड़े शब्दो मे विरोध करते है।

 

उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश सुक्कू सरकार के द्वारा हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में एक सब कमेटी गठित की गई थी और सूत्रों से यह ज्ञात हुआ है कि उन्होंने बिजली बोर्ड में कार्यरत ड्राइवर जो कि पिछले कई सालों से आउटसोर्स के माध्यम से अपनी सेवाएं विद्युत विभाग में दे रहे थे उनको बाहर निकलना का सिफारिश की है।

आज विद्युत विभाग का कार्य अधिकतर आउटसोर्स के माध्यम से किया जा रहा है आज बिजली बोर्ड जो हिमाचल के उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति वह बिलों का भुगतान का कार्य हो या कोई भी टेक्निकल कार्य है उसमें इन आउटसोर्स कर्मचारी वर्ग का बहुत योगदान है अगर इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो बहुत से आउटसोर्स कर्मचारी बिजली की लाइनों में काम करते हुए शहीद हुए हैं और इन कर्मचारियों की शुद्ध लेने के विपरीत विद्युत बोर्ड इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने का प्रयास कर रहा है जो कदापि भी सहनीय नहीं होगा आज इन कर्मचारियों को विद्युत विभाग में लगभग 10 से 14 साल अपनी सेवाएं विद्युत विभाग में देते हुए हो गए हैं उन्होंने अपनी जिंदगी के स्वर्णिम वर्ष दिए है।

 

जिसमें एक युवा कुछ करने की इच्छा रखता है मगर आज अधिकतर कर्मचारी चालीस साल उम्र के अंतराल में पहुंच चुके है और उन्होंने रेगुलर कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर वक्त सुबह शाम रात को कार्य किया है मगर बिजली बोर्ड की मैनेजमेंट इनको स्थाई नीति देने के विपरीत इनको घर भेजने की तैयारी में है इस बयान के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारी संघ ने बिजली बोर्ड मैनेजमेंट और और प्रदेश के मुख्यमंत्री  सुखविंदर सिंह से यह आग्रह किया है।

 

कि किसी भी कर्मचारियों को उनकी सेवा से बाहर ना निकला जाए कर्मचारी महासंघ ने कहा कि जब प्रदेश सरकार बनी थी तब प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह जी ने व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में यह कहा था कि प्रदेश सरकार आउटसोर्स कर्मचारी के हितों की रक्षा करेगी और उनको एक निहित पॉलिसी के तहत उनको स्थाई रोजगार देने के ऊपर कार्य करेगी मगर आज हालात विपरीत है।

 

अगर इन कर्मचारियों को उनकी नौकरी से हटाया जाता है तो वह कर्मचारी दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो जाएंगे संघ ने इस प्रेस बयान के माध्यम से प्रदेश सरकार के द्वारा गठित की गई सब कमेटी के अध्यक्ष श्री राजेश धर्माणी जी से अभी यह अपील की है की शीघ्र ऐसी सिफारिशों को बापिस लिया जाया जिससे इन कर्मचारियों की नौकरी यथा बनी रहे,

उन्होंने कहा के अगर बोर्ड मैनेजमेंट ऐसे किसी कर्मचारियों को बाहर निकालती हैं तो यूनियन इस आदेशब्ला जोरदार विरोध करेगी और भविष्य में धरना प्रदर्शन और हड़ताल पर भी जाने से गुरेज नहीं करेगी जिसका पूरा जिम्मा बिजली बोर्ड मैनेजमेंट और प्रदेश सरकार का होगा।