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निजी स्कूलों में कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित वेतन ना देने पर की आलोचना: सीटू

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  सीटू जिला कमेटी हमीरपुर ने प्रदेश  के निजी स्कूलों में कार्यरत सभी कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित वेतन ना देने पर, निजी स्कूलों के प्रबंधकों की कड़ी आलोचना की है l अधिकांश निजी स्कूलों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के  कर्मचारियों को सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है l
ये निजी स्कूल व निजी कालेज राजनीतिक दलों द्वारा सरंक्षण दिए गए नेताओं द्वारा चलाए जा रहे हैं l निजी स्कूलों व मान्यता प्राप्त कालेजों में मनमानी फीस, बिल्डिंग फंड व अन्य कई तरह के फंड वसूल किए जाते हैं कुछ स्कूलों में नवमी से बाहरवीं तक तीन से दस हज़ार रुपये तक प्रतिमाह फीस वसूल कर रहे हैं, जबकि अपने कर्मचारियों व अध्यापकों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है l
सीटू ने मांग की है कि पंजाब की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड व विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों व कालेजों में प्रदेश सरकार द्वारा घोषित वेतन दिया जाए l इन कई निजी स्कूलों में कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड भी नहीं काटा जाता है और ना ही निजी स्कूल अपना हिस्सा जमा करवाते हैं l
 प्रदेश में भाजपा की सरकार रही हो या वर्तमान की कॉंग्रेस सरकार सभी ने इन निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने, कर्मचारियों को कम वेतन देने और शोषण करने की खुली छूट दे रखी है l पढ़े लिखे युवक युवतियां रोजगार ना मिलने के कारण बहुत कम वेतन पर भी काम करने को मजबूर हैं l
सीटू जिला कमेटी सरकार से मांग करती है कि सभी निजी शिक्षण संस्थानों में सभी पदों पर पंजाब की तर्ज पर, प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित वेतनमान लागू किए जाएं और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लायी जाये l यदि प्रदेश सरकार और निजी शिक्षण संस्थान अध्यापकों और कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर वेतनमान नहीं देते हैं तो सीटू माननीय उच्च न्यायालय में ज़न हित याचिका दायर की करेगी l