शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली की अवैध मस्जिद के तोड़ने का कार्य शुरू करने का स्वागत किया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने इसको सनातन समाज की बड़ी जीत बताया है। संघर्ष समिति ने कहा है कि वह भविष्य में भी इस तरह के अवैध निर्माण और गतिविधियों पर पूरी नजर बनाए रखेगी और अवैध कब्जों को हटाने की लड़ाई लड़ती रहेगी।
आंदोलन लड़ने वालों के खिलाफ दर्ज केस प्रशासन वापस ले
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा है कि नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद कमेटी ने अवैध मस्जिद की मंजिलें तोड़ने का कार्य शुरू किया है, जो कि स्वागत योग्य है। भारत भूषण ने कहा है कि अवैध निर्माण को उजागर करने में स्थानीय लोगों की बड़ी भूमिका रही है।
स्थानीय लोगों और सनातन समाज ने इसको लेकर लड़ाई लडी है, इसी संघर्ष का नतीजा है कि आज अवैध मस्जिद को तोड़ने का कार्य शुरू हो पाया है। स्थानीय लोगों की पहल के बाद ही देवभूमि हिमाचल में अवैध मस्जिदों और अवैध गतिविधियों को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन हुआ, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी।
संघर्ष समिति के संयोजक ने प्रदेश के सभी लोगों का आवाहन किया है कि वे इस तरह के अवैध निर्माण और गतिविधियों को लेकर बेहद सतर्क रहें। इस तरह के मामलों से सामने आने पर इनकी सूचना संघर्ष समिति को दें।
भारत भूषण ने कहा कि संघर्ष समिति देवभूमि हिमाचल की पवित्रता बनाए रखने को लेकर हमेशा आगे रहेगी। संघर्ष समिति अपने स्तर पर भी अवैध निर्माण और गतिविधियों का पता लगा रही है। समिति ने प्रखंड स्तर पर अपनी ईकाइयां गठित की हैं जिनको अवैध निर्माण की सूचना समिति के कार्यालय में देने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि इन मामलों को प्रशासन के सामने उठाया जाएगा। जरूरत पड़ी तो संघर्ष समिति आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने मुस्लिम समाज के संगठनों से भी अपील की कि वे इस तरह के मामलों को लेकर स्वयं भी जागरूक रहें ताकि भविष्य में इस तरह का कोई विवाद न हो।
भारत भूषण ने प्रशासन से भी अपील की है कि वह अवैध मस्जिद मामले में आंदोलन लड़ने वालों पर दर्ज एफआईआर वापस ले। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण के खिलाफ इन लोगों की यह कोई निजी लड़ाई नहीं थी, बल्कि देवभूमि और यहां के लोगों के हित के लिए इन लोगों ने आंदोलन किया। इसलिए प्रशासन संवेदनशीलता का परिचय देकर इन लोगों के खिलाफ दर्ज केस वापस ले। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने इन लोगों को बेवजह प्रताड़ित किया तो संघर्ष समिति आंदोलन लड़ने पर मजबूर होगी।