हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी) विभाग के मंडलीय कार्यालय हमीरपुर के नगर एवं ग्राम योजनाकार हरजिंद्र सिंह ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम का मुख्य उद्देश्य सुनियोजित विकास सुनिश्चित करना तथा आम नागरिकों की सभी आवश्यक सुविधाओं तक पहुंच को सुलभ बनाना है।
500 वर्गमीटर तक के मकान के नक्शे के लिए विभागीय कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं
वीरवार को यहां डीआरडीए के हॉल में पंचायत जनप्रतिनिधियों, पंचायत सचिवों और अन्य हितधारकों के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए हरजिंद्र सिंह ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र हमीरपुर के अलावा इसके साथ लगते 52 राजस्व गांवों को भी टीसीपी एक्ट के दायरे में लाया गया है। इससे इन क्षेत्रों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित होगा।
उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए टीसीपी विभाग की अधिकांश सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है। ऑनलाइन सेवाओं के अलावा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी किसी भी तरह की जानकारी या मार्गदर्शन के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं। किसी भी तरह की शंका के समाधान के लिए विभाग के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
नगर एवं ग्राम योजनाकार ने बताया कि अब 500 वर्गमीटर तक के मकान के नक्शे को पास करवाने के लिए विभागीय कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं है। इसकी शक्तियां पंजीकृत फर्मों एवं वास्तुकारों को दे दी गई हैं। पिछले वर्ष भीषण आपदा के बाद नदी-नालों और खड्डों के किनारे भवन निर्माण के संबंध में नियमों में संशोधन किया गया है। अब नाले के किनारे भवन निर्माण पर कम से कम 5 मीटर और खड्ड के किनारे 7 मीटर का सैटबैक अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह सीमा क्रमशः 3 और 5 मीटर थी।
विभाग के अन्य नियमों में किए गए आंशिक संशोधनों के बारे में भी प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर प्लानिंग ऑफिसर जगदीप सिंह, कनिष्ठ अभियंता सुशील कुमार और अन्य अधिकारियों ने भी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला में हमीरपुर शहर के साथ लगते 52 राजस्व गांवों के पंचायत जनप्रतिनिधियों, पंचायत सचिवों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया।