शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज अवैध निष्कासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एसएफआई के केंद्रिय छात्र संघ के प्रथम अध्यक्ष राकेश सिंघा ने बात रखते हुए कहा की जब संजोली महाविद्यालय का छात्र कॉलेज में बढ़ते हुए बिजली और पानी के दामों के खिलाफ आंदोलन कर रहा था तो इस आंदोलन को खत्म करने के लिए कॉलेज प्रधानाचार्या ने साजिश करते हुए छात्रों को टारगेट करने का काम लगातार किया।
उसके बाद महाविद्यालय में एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आता है और जब इस मामले को लेकर कुछ छात्र कालेज प्रधानाचार्या के पास जाते है तो उन छात्रों के साथ कॉलेज प्रशासन द्वारा बुरे तरीके से पेश आया जाता है और कुछ छात्रों को मारा – पीटा जाता है।
जब यह बात तमाम छात्र समुदाय समक्ष सामने आती है तो अपने बचाव में कॉलेज प्रशासन छात्रों पर आरोप लगाते हुए 6 छात्रों को महाविद्यालय से अवैध तरीके से निष्कासित करता है।
लगभग एक महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद भी वह उन छात्रों का निष्कासन वापस नहीं किया गया है जिसके चलते छात्रों के शिक्षा के अधिकार छीना जा रहा है आज महाविद्यालय से 6 छात्र कक्षा से बाहर है उन्हें अभी तक कक्षा लगाने तक नहीं दिया जा रहा है और उसके साथ-साथ एक छात्रा की वार्षिक परीक्षा महाविद्यालय में शुरू हो चुकी है पर उस छात्रा को अभी तक परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया है। उन्होंने बात रखते हुए कहा कि कॉलेज प्रशासन का इस तरह का रवैया छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए किया जा रहा है जो की छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में केंद्रीय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कॉलेज प्रशासन का इस तरह का तानाशाह रवैया के चलते आज छात्रों के भविष्य दांव में लगे हुए। जब इस बात को लेकर People Union for Civil liberties Association का डेलिगेशन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति से दो बार इस मुद्दे को लेकर मिला और यह मांग रखी की इस अवैध निष्कासन को वापिस लिया जाए परन्तु उनके द्वारा भी अभी तक इस मुद्दे पर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया है जो यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं विश्वविद्यालय प्रशासन भी कॉलेज प्रशासन के इशारो पर काम कर रहा है। आगे इस प्रदर्शन में बात रखते हुए कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के अवैध निष्कासन को वापस नहीं करता है तो आने वाले समय में इस आंदोलन को लगातार विश्वविद्यालय में जारी रखा जाएगा।
People’s Union for Civil liberties Association ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 6 छात्रों के अवैध निष्कासन को जल्दी से वापस नहीं किया जाता है और जिस छात्रा की वार्षिक परीक्षा जारी है अगर उस छात्रा को वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठाया जाता है तो हिमाचल प्रदेश की तमाम जनता से अपील करते हुए इस आंदोलन को तेजी से आगे बढ़ाया जाए।