शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- एस एफ आई RKMV इकाई का 35 सम्मेलन संपन्न हुआ। जिसमें इकाई अध्यक्ष कामरेड रिद्धिमा व इकाई सचिव कामरेड कृतिका को चुना गया। सम्मेलन द्वारा 23 सदस्य कार्यकारिणी का गठन किया गया।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राज्य अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने कहा कि वर्तमान समय में सबसे अधिक शोषण महिलाओं व बच्चों का हो रहा है। जब से केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से महिला उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा है। ये सम्मेलन उन उत्पीड़ित महिलाओं के लिए आंदोलन का रास्ता तैयार करेगा जो आज सामाजिक आर्थिक,राजनीतिक व घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है।
अनिल ठाकुर ने कहा RKMV कॉलेज हिमाचल प्रदेश का एकमात्र कन्या महाविद्यालय हैं जहां पर लगभग 5000 छात्राएं शिक्षा हासिल करती है। लेकिन उसके बावजूद भी कैंपस में खेल का मैदान नहीं है। जिसके लिए ये सम्मेलन भविष्य में आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा।
सम्मेलन के समक्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वापस लो, लिंग संवेदनशील कमेटी, छात्र संघ चुनाव बहाल करो, महिलाओं पर बढ़ते हमले, बढ़ती बेरोजगार पर प्रस्ताव रखे गए जिसे सम्मेलन ने सर्वे सहमति से लागू किया गया।
अंत में SFI शिमला जिला उपाध्यक्ष कामरेड पवन कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार द्वारा शिक्षा का निजीकरण, भगवाकरण व व्यापरीकरण किया जा रहा है यह हमारी समावेशी व समता मूलक शिक्षा पद्धति के ऊपर सबसे बड़ा हमला है। जिसको हमें लड़ने की जरूरत है।
हमारे देश में 2009 में शिक्षा के अधिकार को जीवन के अधिकार के साथ मिलाकर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 ए में जोड़ा गया। परंतु इसके बावजूद भी वर्तमान समय में हमारे देश में लगभग 13 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षा से वंचित है।
जिसके लिए हमारी मौजूदा सरकार जिम्मेदार है। हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा बेरोजगार राज्य बन गया है।शिक्षा में हिमाचल प्रदेश का स्थान 21 नंबर पर पहुंच गया है जहां से पता चलता है प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा किस तरीके से शिक्षा को एक वस्तु की तरह बेचा जा रहा है।
कामरेड पवन ने कहा कि विद्यार्थियों को अन्य गतिविधियों के साथ-साथ छात्र राजनीति में भी बढ़ चढ़कर भाग लेना चाहिए तभी समाज में सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक चेतना का विकास होगा।
अंत में इकाई के नाम निर्वाचित अध्यक्ष कामरेड रिद्धिमा ने सम्मेलन को समाप्त करते हुए कहा कि भविष्य में हम इन तमाम प्रस्ताव को लेकर नीतिगत तरीके से आंदोलन के जरिए छात्राओं की लड़ाई लड़ेंगे व कैंपस में छात्र मुद्दों को लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।