हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- बच्चों में फास्ट फूड के सेवन को निश्चित रूप से सख्ती से नियंत्रित करने की आवश्यकता है क्योंकि यह कोई लाभ नहीं पहुंचाता है और बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। इसका उपाय क्या है? आश्चर्यजनक रूप से, फलों के सेवन में एक साधारण वृद्धि मूड को बेहतर बना सकती है और एटोपिक रोगों की गंभीरता को कम कर सकती है। बच्चों को आकर्षक चरित्र और उपहारों के साथ जंक फूड के विपणन को रोकना बच्चों को बेहतर खाने में मदद करने का एक तरीका हो सकता है। दूसरा तरीका है कि पौष्टिक भोजन को सस्ती कीमतों पर और अधिक आकर्षक प्रारूप में आसानी से उपलब्ध कराया जाए । नंगल बट्ट में बच्चों के लिए आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में डॉ प्रदीप ने यह जानकारी सांझा की ।
डॉ प्रदीप ने बच्चों के अत्यधिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल को भी रोकने की इस दौरान बात की । उन्होंने इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि इससे बच्चों की आंखों, सोचने समझने की शक्ति व शारिरिक सरंचना पर बुरा प्रभाव पड़ता है । बात दे की सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन मे प्रयास संस्था द्वारा संचालित अस्पताल – साँसद मोबाईल स्वास्थ्य सेवा की हरोली टीम (प्रीति,मनीष,निहाल) ने डॉ प्रदीप के नेतृत्व में राजकीय प्राथमिक पाठशाला नंगल बट में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 120 बच्चों के स्वास्थ की जांच की गई व 120 बच्चो के ब्लड ग्रुप की भी जांच की गई । स्वास्थ्य शिविर के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य की सामान्य जांच एवं रक्तजांच नि:शुल्क की गई |
बच्चों को उपयुक्त उपचार सलाह एवं दवाईयों का वितरण भी नि:शुल्क किया गया ।