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भारतीय संविधान देश की सम्पूर्ण व्यवस्था को एक सूत्र में बांधता है: संदीप सांख्यान

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :-  पूर्व प्रदेश कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कहा राष्ट्रीय संविधान दिवस किसी राष्ट्रीय पर्व से कम नहीं है, हमारी पूरी व्यवस्था आज के दिन पर ही निर्भर करती है, पर यह दीगर बात है कि कई बार संविधान को भी दरकिनार करके मनमाने फैसले लागू कर दिए जाते है, पर ऐसा बहुत कम होता है।

 

संविधान दिवस देश नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है

 

आज के दिन वर्ष 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को अपनाया था इसलिए इसी दिन की याद में हर साल देश में संविधान दिवस मनाया जाता है। यह संविधान ही है जो अलग-अलग धर्मों व जातियों को भारत की 140 करोड़ आबादी को व सम्पूर्ण देश को एक सूत्र में बांधता है। इसी संविधान के तहत हमारे देश के सभी कानून बनते हैं और देश की न्याय पालिका, विधायिका और प्रशासनिक व्यवस्था चलती है।

 

संविधान दिवस देश के नागरिकों के कर्तव्यों का निर्वहन करता है

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा देश के सभी नागरिकों की मौलिक अधिकारों का संरक्षण, देश के सभी नागरिकों के कर्तव्यों का निर्वहन इसी संवैधानिक व्यवस्था के अधीन चलता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन का उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

 

संविधान को बनाने में डॉ भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका थी, क्योंकि वे संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। संदीप सांख्यान ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में याद किया जाता। यह दिन हमें हमारे संविधान की याद दिलाता है। यह दिन हमें संविधान के महत्व को समझने का मौका भी देता है।