शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के शिमला में हालिया संपन्न राज्य सम्मेलन को सफल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं व वालंटियरों के लिए स्वागत समिति ने पार्टी कार्यालय शिमला में एक गेट टुगेदर का आयोजन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई।
कार्यकर्ताओं ने हिमाचल में जनता के विकल्प के रूप में पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया। गेट टुगेदर में आए कार्यकर्ताओं को डॉ ओंकार शाद, संजय चौहान, राकेश सिंघा, विजेंद्र मेहरा, डॉ विजय कौशल ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि भविष्य में पार्टी जनमुद्दों पर जनांदोलन करेगी। पार्टी प्रदेश में जनता को कांग्रेस भाजपा के इतर एक बेहतर विकल्प देगी।
पार्टी प्रदेश में मजदूरों, किसानों, मध्यम वर्ग, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, दलितों, पिछड़ों, वंचितों, अल्पसंख्यकों व सभी मेहनतकश तबकों की आवाज बनेगी। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में चलने वाली एनडीए की केंद्र सरकार व हिमाचल की कांग्रेस सरकार दोनों ही जनविरोधी नवउदारवादी नीतियां लागू कर रही हैं जिस से एक ओर अमीर और ज्यादा अमीर हो रहे हैं व आम जनता की पीड़ा लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से जब से केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से देश में दो तरह का भारत बना है। एक ओर गरीब लोगों का तड़पता भारत है और दूसरी ओर अमीर लोगों का चमकता भारत है। अमीरी व गरीबी में खाई गहरी हुई है। देश में अमीरों को छूट व गरीबों की लूट हो रही है। पिछले दस वर्षों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मेहनतकश जनता के अधिकारों को छीनने का ही काम किया है। किसानों व आम जनता को मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया गया है। पिछले सौ वर्षों में मजदूरों के हक में जो चौबालीस श्रम कानून बने थे, उन कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं मे बदल दिया गया है। केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश में भयंकर बेरोजगारी बढ़ी है। किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। कृषि संकट गहरा हुआ है। मजदूरों, किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों पर शोषण व अत्याचार बढ़ा है। देश में गरीबों की लूट व अमीरों को छूट की नीति को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कॉरपोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ की नीति को आगे बढ़ाया है। आरएसएस व भाजपा ने पिछले दस वर्षों में संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने की हर संभव कोशिश की है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश में अमीरी गरीबी में खाई गहरी हुई है। एक ओर दुनिया में सबसे तेजी से सबसे ज्यादा नए खरबपति भारत में पनपे हैं और दूसरी ओर देश में गरीबी व भुखमरी तेजी से बढ़ी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स व मानव सूचकांक में भारत की स्थिति दुनिया में दयनीय हुई है। देश में कर्मचारियों व मजदूरों के अधिकारों पर भारी कुठाराघात हुआ है। किसानों की स्थिति बिगड़ी है। स्थाई रोजगार की जगह कच्चे रोजगार ने ले ली है। मोदी सरकार की नीतियों से देश में मंहगाई, बेरोजगारी व आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कॉंग्रेस सरकार भी प्रदेश में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को ही लागू कर रही है व आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है। प्रदेश में जिस तरह से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है उस से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। प्रदेश में युवाओं की रोजगार परीक्षाओं के नतीजे घोषित नहीं किए जा रहे हैं। शिमला में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के कार्य को आरएसएस व भाजपा से संबंधित कुछ सनातनी संगठनों ने अमलीजामा पहनाया परंतु इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस पार्टी के नेता भी बेनकाब हुए हैं। इस घटनाक्रम से इन दोनों पार्टियों का जनता में पर्दाफाश हुआ है व जनता के समक्ष केवल सीपीआईएम ही अब एकमात्र विकल्प है।