बेरी में नशे के उपर और क्षय रोग संबंधित जानकारी व जगरुकता शिविर आयोजित: डॉ सुरेन्द्र सिंह डोगरा

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ  :-  आज बेरी पंचायत में नशे के उपर और क्षय रोग संबंधित जानकारी और जगरुकता दी ! कहा पहला सुख निरोगी काया। इस अवसर पर मेडिकल ऑफिसर Association और मॉडलPHC जंगल बेरी इंचार्ज डॉ सुरेन्द्र सिंह डोगरा ने शिरकत की।
 और वहाँ पर पंचायत जोल बगहेड़ा जंगल और बेरी से आये हुए जनप्रतिनिधियों और जनता को क्षय रोग के उपर विस्तृत जानकारी दी और नशों से मुक्त भारत कैसे बने उसके ऊपर भी जानकारी दी डॉक्टर डोगरा ने बताया की जीवन एक बार मिलता है और जीवन अनमोल है इसको नशों में ना डालें और युवा नशों से दूर रहे तभी एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सकता है।
 और डॉ डोगरा ने कहा की पंचायतों में हमेशा इसकी जानकारी दी जाती है के अपनी-अपनी पंचायत में सभी सथानों धुमरपान रहित क्षेत्रों को अंकित करें और धुम्रापान समाज सामाजिक तौर पर किये जाने वालों के ऊपर कोटपा act के तेहत् उचित जुर्माना भी लगाया जाए डॉ डोगरा ने कहा सहयोग के लिए सौ दिवसीय अभियान चलाया गया है जिसमें सभी को यह जानकारी और जगरुकता दी जायेगी और सभी तरह से एक्टिव केस फाइंडिंग भी की जायेगी, सरकार सहयोग से पीड़ित लोगों को मुफ्त में दवाई प्रदान करती है और स्वास्थ्य विभाग के तहत इसको देखा जाता है।
 क्षय रोग की दवाइयाँ बहुत महँगी होती हैं और सरकार के द्वारा इनको मुफ्त में प्रदान किया जाता है जिसके लिए आम जनमानस को भी चाहिए की वह उसका निरादर ना करे और अपने स्वास्थ्य का पहला ध्यान रखें डॉक्टर डोगरा ने कहा हमारे संस्कार हमारे शास्त्र हमें यही शिक्षा देते हैं कि पहला सुख निरोगी काया , स्वस्थ शरीर से अधिक कोई चीज नहीं डॉक्टर डोगरा ने अपील् की के सभी अपना सहयोग दें और डॉक्टरों से जाँच कराना ज़रूरी होता है।

टीबी के लक्षणों में खांसी(कभी-कभी खून वाली), वजन घटना, रात को पसीना, बुखार, सीने में दर्द और थकान शामिल हैं। संक्रमित अंग के आधार पर, टीबी से संक्रमित बहुत से रोगियों में कोई लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं।
लोगों को ये अनुभव हो सकते हैं।
दर्द की जगह: छाती दर्द होने का समय: श्वास लेने पर
खांसी: खून के साथ या दीर्घकालीन पूरे शरीर में: अच्छा महसूस न करना, थकान, पसीना आना, बुखार, भूख न लगना या रात में पसीना यह होना भी आम है।
 बलगम, बिना कारण वज़न में बहुत ज़्यादा कमी होना, मांसपेशी का नुकसान, सांस फूलना या सूजी हुई लसीका ग्रंथियां यानी लिम्फ़ नोड (छोटे बीज के आकार की ग्रंथियां जो पूरे शरीर में होती हैं) लक्षण आएँ तो तुरंत नज़दीकी hastar में जाकर अपने बलगम की जाँच कराएं और अपने स्वास्थ्य ke लिए जागरूक बनेंl