शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष हनी शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने के नाते अपने स्थापना दिवस से लेकर 76 वर्षों की गौरव शाली यात्रा पूरी कर चुकी है परिषद अपने स्थापना काल से ही छात्र हित और समाज हित के लिए आवाज बुलंद करती आई है। इसी कड़ी को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी ने पिछले दिन प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई गेस्ट फैकल्टी भर्ती की नीति का विरोध करते हुए मशाल यात्रा निकाली गई।
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प्रदेश सरकार ने हाल ही में नई नीति लागू की है जिसमें गेस्ट फैकल्टी पर शिक्षकों की भर्तियां होंगी। इस नीति के तहत अस्थाई रोजगार के तौर पर शिक्षकों की भर्तियां होंगी और उनको प्रति लेक्चर के हिसाब से वेतन दिया जाएगा। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रति लेक्चर 250 रुपए और महाविद्यालय स्तर पर 500 रुपए प्रति लेक्चर शिक्षकों को दिए जाएंगे जिसका विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करती है।
गेस्ट फैकल्टी की भर्तियां युवाओं के साथ सरासर धोखाधड़ी : अभाविप
हनी शर्म ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में विद्यार्थी दिन भर बैठकर कमीशन की तैयारी करते हैं परंतु प्रदेश सरकार की इस तरह की नीति छात्रों के अधिकारों का हनन है व उनके साथ धोखाधड़ी है l प्रदेश सरकार ने उनके समय के साथ साथ उनके परिश्रम को भी अनदेखा किया है और इस प्रकार की नीति धरातल पर लाई है।
हनी शर्मा ने विरोध करते हुए कहा है कि यदि जल्द से जल्द इस नीति को वापिस नहीं लिया गया तो विद्यार्थी परिषद आम छात्रों के साथ मिलकर विधानसभा का घेराव करेगी और इस निर्णय को एक आंदोलन का रूप देगी।