एसएफआई ने सरकारी स्कूलो में अर्ली बेस्ड शिक्षक भर्ती करवाये जाने के विरोध में प्रदर्शन किया

 शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  एसएफआई राज्य कमेटी द्वारा आज दिनांक 17/12/2024 को प्रदेश सरकार द्वारा अर्ली बेस्ड शिक्षक भर्ती करवाये जाने के विरोध में शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया।

 

एसएफआई राज्य सचिव दिनीत दैन्टा ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में युवा विरोधी नीतियां लाकर लगातार प्रदेश को पीछे धकेलने का काम कर रही है।

 

प्रदेश में जो युवा व छात्र मेहनत करके प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने घरों से कोसों दूर रह कर तैयारी कर रहा है कि एक दिन वह अपनी मेहनत से अपने सपने पूरे करेगा, लेकिन बीते दो सालों में सरकारी भर्तियों में ग्रहण लगा है राज्य चयन आयोग भी दो साल से बंद पड़ा था परन्तु कुछ दिनों पहले से पुराने भर्तियों के परिणाम निकाले जा रहे है।

इन परिणामों के लिए भी प्रदेश के युवाओं को कई दिनों तक आंदोलन करने पड़े उसके बाद इन परिणामों को घोषित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी स्वीकृत भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है और आउटसोर्स के नाम पर धांधलियों को अंजाम दिया जा रहा है।
एसएफआई का मानना है कि गेस्ट टीचर का प्रावधान नई शिक्षा नीति की ही देन है ,जिसका शुरू से ही एसएफआई विरोध करती आई है।

 

गेस्ट टीचर के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है साथ ही प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं से नियमित रोज़गार के अवसर को छीना जा रहा है। नई शिक्षा नीति केंद्र में भाजपा की सरकार की ही देन है परंतु राष्ट्रीय स्तर पर इस नीति का विरोध करने वाली कांग्रेस प्रदेश में इस नीति को धड़ले से लागू कर रही है जो कांग्रेस के दोगले चरित्र को उजागर करता है।
एसएफआई राज्य अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा हैं कि हिमाचल प्रदेश में सीमित उद्योग और IT सेक्टर न होने के कारण प्रदेश के पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार के लिए सरकार की नौकरियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है या तो प्रदेश से बाहर पलायन करना पड़ता है। इन सब परिस्थितियों से वाकिफ होने के बावजूद प्रदेश सरकार का यह कदम युवा विरोधी है ।
एसएफआई मांग करती है गेस्ट टीचर के इस प्रपोजल को वापिस लिया जाए और प्रदेश सरकार से यह मांग करती है की छात्र व युवा विरोधी इस पालिसी को न अपनाया जाए और गेस्ट टीचर और आउटसोर्स के बजाय नियमित भर्तीया करवाई जाए। ताकि प्रदेश के युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके।
एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा की अगर इस प्रपोजल को वापिस नही लिया जाता है तो आने वाले समय के अंदर एसएफआई प्रदेश में युवाओं और छात्रों को एकजुट करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेदार खुद प्रदेश सरकार होगी।