
शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक और कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पंचायतों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने और उन्हें गति प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

सरकार ने पंचायत प्रधानों-सचिवों और पंचायत प्रतिनिधियों की आपसी खींचतान का निकाला समाधान

बिना किसी ठोस वजह के पंचायतों में विकास कार्यों को लटकाने की प्रवृति पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने बीडीओ को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए शक्तियां प्रदान कर दी है। विभाग ने अधिसूचना जारी कर साफ़ कर दिया है कि अगर एक महीने में पंचायत विकास कार्य शुरू करने में असफल रहती है, तो बीडीओ अपने स्तर पर विकास कार्य शुरू करता है। इसके लिए बीडीओ पंचायती राज एक्ट के रूल 93 (3) के तहत अपने विभाग के जेई, और अस्सिटेंट इंजीनियर के माध्यम से काम को शुरू करवा सकता है, ताकि इनमें विलंब न हो। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने एक महीने की अवधि को और कम करने के निर्देश दिए हैं।
पंचायत के एक महीने तक काम शुरू न करने पर बीडीओ अपने स्तर पर शुरू करवाएंगे कार्य
राज्य सरकार के इन निर्देशों से पंचायतों में विकास कार्यों में तेज़ी आएगी और लोगों को इन योजनाओं का लाभ समय पर मिल सकेगा। बीडीओ को शक्तियां प्रदान करने के बाद पंचायतों में राजनीतिक आधार या आपसी टकराव के कारण वर्षों तक लंबित रहने वाले कार्यों की संख्या कम होगी और अनस्पेंट मनी भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आएगा।
पंचायतों को विभिन्न विभाग विकास कार्यों के लिए अनेकों योजनाओं से धन प्रदान करते हैं, लेकिन यह पैसा वर्षों तक उनके पास पड़ा रहता है और विकास कार्य शुरू भी नहीं हो पाते। राज्य सरकार इस परंपरा को बंद करना चाहती है, ताकि लोगों को इन योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।
