₹30 करोड़ की संपत्ति, फिर भी माता-पिता को दो वक्त की “रोटी” नहीं, दोनों ने दी जान

चरखी दादरी/बाढड़ा :-  भारतीय समाज जो अपनी संस्कृति से जाना जाता है न जाने उसे किसी की नजर लग गई है कि वह वह अपनी संस्कृति को छोड़कर पश्चिमी सभ्यता को अपना बनाने में लगे पड़े हैं।

शिक्षा के साथ-साथ अपने बच्चों को संस्कार भी दें

गलती हमारी भी है हम अपने बच्चों को उच्च शिक्षा तो दे रहे हैं लेकिन उनके साथ अच्छे संस्कार नहीं दे पा रहे हैं जिसकी वजह से यह सब परिणाम भुगतने पढ़ रहे हैं

घटना चरखी दादरी जिले के बाढड़ा क्षेत्र के गांव गोपी की है। सेना से रिटायर जगदीशचंद (78) और भागली देवी (77) बेटे विरेंद्र आर्य के साथ रहते थे। विरेंद्र के बेटे हरियाणा कैडर के आईएएस अफसर विवेक करनाल में बतौर ट्रेनी तैनात हैं।

₹30 करोड़ की संपत्ति, फिर भी माता-पिता को दो वक्त की “रोटी” नहीं, दोनों ने दी जान

जगदीश व भागली ने बुधवार रात अपने आवास पर जहरीला पदार्थ निगला और रात ढाई बजे पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी।

आईएएस अधिकारी के दादा-दादी ने सुसाइड नोट में लिखा-बेटे-बहुओं ने हमारे साथ जो किया, सरकार व समाज उन्हें दे दंड 

पुलिस पहुंची तो जगदीशचंद ने सुसाइड नोट उनको सौंपा। हालत बिगड़ने पर दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।