महाशिवरात्रि का विशेष महत्व, कैसे करें महागौरी और शिव को प्रसन्न

हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ  :-   हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध कथा वाचक पंडित सुरेश गौतम ने कहा कि वैसे तो भगवान शिव का अभिषेक हमेशा करना चाहिए,लेकिन शिवरात्रि(26 फरवरी, बुधवार)का दिन कुछ खास है। यह दिन भगवान शिवजी का विशेष रूप से प्रिय माना जाता है। कई ग्रंथों में भी इस बात का वर्णन मिलता है।
 भगवान शिव का अभिषेक करने पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है मनोकामना पूरी होती है। धर्मसिन्धू के दूसरे परिच्छेद के अनुसार,अगर किसी खास फल की इच्छा हो तो भगवान के विशेष शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। यहां जानिए किस धातु के बने शिवलिंग की पूजा करने से कौन-सा फल मिलता है।
सोने के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सत्यलोक (स्वर्ग) की प्राप्ति होती है ।
मोती के शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों का नाश होता है।
हीरे से निर्मित शिवलिंग पर अभिषेक करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
पुखराज के शिवलिंग पर अभिषेक करने से धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
स्फटिक के शिवलिंग पर अभिषेक करने से मनुष्य की सारी कामनाएं पूरी हो जाती हैं।
नीलम के शिवलिंग पर अभिषेक करने से सम्मान की प्राप्ति होती है।
चांदी से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से पितरों की मुक्ति होती है।
ताम्बे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।
लोहे के शिवलिंग पर अभिषेक करने से शत्रुओं का नाश होता है।
आटे से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
मक्खन से बने शिवलिंग पर अभिषेक करने पर सभी सुख प्राप्त होते हैं।
गुड़ के शिवलिंग पर अभिषेक करने से अन्न की प्राप्ति होती है।
        वैदिक पंचांग – कालसर्प दोष
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 26 फरवरी, बुधवार को है। ज्योतिष के अनुसार,जिन लोगों को कालसर्प दोष है,वे यदि इस दिन कुछ विशेष उपाए करें तो इस दोष से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है।
कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है,इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाए हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप महाशिवरात्रि पर उपाए कर सकते हैं। कालसर्प दोष के प्रकार व उनके उपाए इस प्रकार हैं।
 अनन्त कालसर्प दोष
 अनन्त कालसर्प दोष होने पर शिवरात्रि पर एकमुखी,आठमुखी अथवा नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है,तो महाशिवरात्रि पर रांगे(एक धातु)से बना सिक्का नदी में प्रवाहित करें।
कुलिक कालसर्प दोष
कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
 वासुकि कालसर्प दोष
 वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
महाशिवरात्रि पर लाल धागे में तीन, आठ या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
शंखपाल कालसर्प दोष
शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबुत बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
 पद्म कालसर्प दोष
पद्म कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
 जरूरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
 महापद्म कालसर्प दोष
 महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
 महाशिवरात्रि पर गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
 तक्षक कालसर्प दोष
 तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
सफेद कपड़े और चावल का दान करें।
 कर्कोटक कालसर्प दोष
कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।
 महाशिवरात्रि पर शीशे के आठ टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
 शंखचूड़ कालसर्प दोष
 शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए महाशिवरात्रि की रात सोने से पहले सिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
पांचमुखी, आठमुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
 घातक कालसर्प दोष
 घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें।
चार मुखी, आठमुखी और नौ मुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
 विषधर कालसर्प दोष
 विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
 महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
  शेषनाग कालसर्प दोष
शेषनाग कालसर्प दोष होने पर महाशिवरात्रि की पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में थोड़े से बताशे व सफेद फूल बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह उन्हें नदी में प्रवाहित कर दें।
महाशिवरात्रि पर गरीबों को दूध व अन्य सफेद वस्तुओं का दान करें।