छात्र हितों की अनदेखी कर रही है विश्वविद्यालय प्रशासन: भवानी सिंह ठाकुर

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ  :-   अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तकनीकी विश्वविद्यालय इकाई द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया धरना प्रदर्शन के दौरान

 

इकाई भवानी सिंह ठाकुर ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जा रही पुनर्मूल्यांकन फीस में वृद्धि को छात्र विरोधी बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि पुनर्मूल्यांकन एक छात्र का अधिकार है, और इस पर अतिरिक्त शुल्क लगाना आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर सीधा आघात है।

 

उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्रों के समग्र विकास व सुविधाओं के लिए निम्न मांगें रखीं:

 

 

1. पुनर्मूल्यांकन की फीस वृद्धि को अविलंब वापस लिया जाए।

 

 

2. विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त संख्या में छात्रावासों का निर्माण शीघ्र शुरू किया जाए, ताकि दूर-दराज से आने वाले छात्रों को रहने की सुविधा मिल सके।

 

 

3. विश्वविद्यालय की बस सेवा की संख्या बढ़ाई जाए तथा ग्रामीण क्षेत्रों को भी इससे जोड़ा जाए।

 

 

4. तकनीकी कार्यशालाएं, सेमिनार और संगोष्ठी कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएं, ताकि छात्र व्यावहारिक ज्ञान और नए अवसरों से जुड़ सकें।

 

 

5. रोजगार मेलों का आयोजन किया जाए, जिससे छात्रों को उद्योग जगत से सीधा संवाद और अवसर मिल सके।

 

 

6. विश्वविद्यालय में चिकित्सा सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, और 24 घंटे कार्यरत स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाए।

 

 

 

इकाई अध्यक्ष भवानी सिंह ठाकुर ने कहा, “छात्र केवल परीक्षा पास करने नहीं आते, वे भविष्य निर्माण के लिए आते हैं। लेकिन जब विश्वविद्यालय ही उनके अधिकारों और सुविधाओं की अनदेखी करे, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई सचिव आकांक्षा शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश तकनीक की विश्वविद्यालय पूरे प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का केवल मात्र एक विश्वविद्यालय है।

 

हम देखते हैं की विश्वविद्यालय व महाविद्यालय को सरकार द्वारा प्रशासनिक व्यवस्था चलाने के लिए आर्थिक सहयोग दिए जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ हम देखते हैं की हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय को चलाने के लिए सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया जाता यूनिवर्सिटी खुद से प्रशासनिक व्यवस्था चलाती है।

विश्वविद्यालय के लिए बजट हमेशा शून्य होता है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से भारी भरकम फीस इकट्ठा करते हैं

 

उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो छात्रों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।