

नादौन/हमीरपुर :- महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित इंद्रपाल और डीडी गुलजार की जयंती के उपलक्ष्य पर शनिवार को नादौन में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। शनिवार सुबह सर्वप्रथम नादौन के इंद्रपाल चौक पर एसडीएम राकेश शर्मा, एसएचओ निर्मल सिंह, यशपाल साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. रतन चंद शर्मा, जिला भाषा अधिकारी संतोष पटियाल, कई गणमान्य साहित्यकारों और अन्य लोगों ने पंडित इंद्रपाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और महान स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि अर्पित की।


महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं साहित्यकारों की जयंती पर सजी कवियों की महफिल


इसके बाद कार्यक्रम के प्रथम चरण की शुरुआत में राजकीय वरिष्ठ कन्या पाठशाला नादौन की छात्रा मन्नत ने वैदिक मंगलाचरण किया। इसके उपरांत मोनाल पब्लिक स्कूल की चार वर्षीय छात्रा निष्ठा शर्मा के लौकिक मंगलाचरण ने सबका मन मोह लिया। तत्पश्चात सरस्वती वंदना राजकीय वरिष्ठ कन्या पाठशाला नादौन की छात्राओं ने प्रस्तुत की और इसी पाठशाला की छात्रा तनवी ने पंडित इंद्रपाल के जीवन पर प्रकाश डाला।



इसके बाद आयोजित लेखक गोष्ठी में सुप्रसिद्ध लेखक ओपी शर्मा, साहित्यकार राजेंद्र राजन और वरिष्ठ साहित्यकार केसर सिंह पटियाल ने ‘इंद्रपाल’ पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। एनके भारती ने क्रांतिकारी, शायर एवं साहित्यकार डीडी गुलज़ार के जीवन और उनकी रचनाओं से अवगत करवाया।
लेखक गोष्ठी के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में युवा शायर कार्तिक शर्मा ने अपनी ग़ज़ल ‘किसी ने मुझे गले से यूं लगाया’, मास्टर दिलीप ने ‘नादौन धरती स्वतंत्रता सेनानियों की’, सुशील गौतम ने ‘परिस्थितियां क्या कुछ नहीं करातीं’, रजनी बाला ने पहाड़ी कविता ‘इन्हीं करोना’, अशोक कुमार सोनी ने ‘नादौन के स्वतंत्रता सेनानी इंद्रपाल’, रतन चंद रत्नाकर ने ‘मैं क्या जानू नाम तुम्हारा’, केहर सिंह ‘मित्र’ ने ‘गलाणा माना है’, युवा कवयित्री दिनाक्षी ने ‘बाज़ार हमें खरीद रहा’, सोनिया पखरोलवी ने ‘ख़ामोशी’, अजीत दीवान ने ‘ज़िंदगी दुखों का झमेला है’, लाल चंद ठाकुर ने ‘ज़िंदगी भर जिनकी खातिर’ कविता पढ़ी।


कार्यक्रम के अंत में जिला भाषा अधिकारी संतोष पटियाल ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी गणमान्य साहित्यकारों, कलाकारों और लेखकों का धन्यवाद किया।


