

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां की सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए बस किराया वृद्धि के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करती है। यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डालता है, बल्कि यह सरकार की छात्र विरोधी मानसिकता को भी उजागर करता है।


प्रदेश सरकार द्वारा बस किराया वृद्धि छात्र विरोधी कदम:–नैंसी अटल


प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी और आम जनता पर बस किराए का बोझ डालना घोर अन्याय है। यह निर्णय जनता की भावनाओं के विरुद्ध है और साफ दर्शाता है कि वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता में आई, परंतु अब खुद उसी व्यवस्था को मजबूत कर रही है। एक ओर जनता महंगाई से त्रस्त है, दूसरी ओर जनप्रतिनिधि अपनी सुविधाएं बढ़ा रहे हैं। आम जनता की उम्मीदों से धोखा किया गया है।



विकास या विषमता? हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर दोहरा मापदंड:–नैंसी अटल
प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि राज्य में पहले ही महंगाई चरम पर है और आम नागरिकों के लिए दैनिक जीवनयापन कठिन होता जा रहा है। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन का किराया बढ़ाना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।


विद्यार्थियों के लिए बस सेवा किसी भी सुविधाजनक साधन से अधिक एक आवश्यकता है। विशेषकर ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी, जिनके लिए निजी वाहन या अन्य विकल्प नहीं होते, उनके लिए यह बढ़ोतरी अत्यंत अन्यायपूर्ण है।
विद्यार्थी परिषद का मानना है कि शिक्षा तक पहुंच को सुलभ और सस्ता बनाए रखना किसी भी राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश, वर्तमान सरकार अपने निर्णयों से छात्रों के हितों को नजरअंदाज कर रही है।
बस पास की दरों में भी बढ़ोतरी की खबरें सामने आ रही हैं। यह बढ़ोतरी उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रही है। जो उनकी पढ़ाई पर सीधा असर डाल सकता है।
विद्यार्थी परिषद सरकार से यह मांग करती है कि बस किराया बढ़ोतरी का यह फैसला तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और छात्रों को राहत प्रदान की जाए।

यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध आंदोलन करेगी, जिसमें कॉलेज स्तर से लेकर जिला व राज्य स्तर तक प्रदर्शन किए जाएंगे। विद्यार्थी परिषद हर छात्र के हक की लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और छात्र हितों से कोई समझौता नहीं करेगी।


