हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन संबधित मज़दूरों ने अधिकारों को कुचलने को लेकर परियोजना का काम बंद कर की हड़ताल

 

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-   सुन्नी डैम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन संबधित सीटू ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड व ऋत्विक प्रबंधन द्वारा मज़दूरों के अधिकारों को कुचलने
को लेकर परियोजना का काम बंद कर हड़ताल की।

 

हड़ताल में सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, ज़िला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, विवेक कश्यप, किसान सभा सुन्नी डैम इकाई से कुंदन शर्मा, भीमी शर्मा यूनियन अध्यक्ष ओम प्रकाश, महासचिव प्रेम प्रकाश, दुष्यंत, प्रेम, हेमराज, संदीप और हेमराज सहित सेंकड़ों मज़दूरों शामिल रहे।

मजदूर नेताओं ने मज़दूरों को संबधित करते हुए कहा कि सुन्नी डैम हाइड्रो में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड व ऋत्विक प्रबंधन द्वारा श्रम कानूनों की खुली उलंघना की जा रही है।

परियोजना में मजदूरों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा है, मज़दूरों से कुशल श्रेणी का काम करवाया जा रहा है और वेतन अकुशल श्रेणी का दिया जा रहा है। अवकाश वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। मजदूरों को आई कार्ड नही है। मज़दूरों का EPF जमा नही किया जा रहा है। पीने के पानी और रहने की उचित व्यवस्था नही है।

इन सभी मांगों पर यूनियन पदाधिकारियों व कंपनी प्रबंधन के मध्य लगभग दो घंटे वार्ता चली। वार्ता में मजदूरों की मांगों को पूर्ण करने पर सहमति बनी। आपसी सहमति पर कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को साल में तीस दिन लीव सैलरी का भुगतान करने का निर्णय लिया है। कंपनी प्रबंधन ने मजदूरों को प्रतिमाह एक हजार रुपए का धूल भत्ता देने का निर्णय लिया है। मजदूरों को श्रेणी अनुसार वेतन दिया जाएगा। सभी मजदूरों के ईएसआई पंजीकरण की प्रक्रिया तीन दिन के भीतर पूर्ण की जाएगी। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर समझौते को पूर्ण रूप से लागू न किया गया तो एक मई को प्रदर्शन होगा व मजदूरों की मांगों को लेकर बीस मई को हड़ताल होगी।