

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- सीटू राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार द्वारा आंदोलनरत अध्यापकों पर दमनात्मक कारवाई की कड़ी निंदा करती है l सरकार आंदोलनरत अध्यापकों से उनके मसलों को हल करने की बजाय कुचलने का निंदनीय प्रयास कर रही है l


अध्यापकों द्वारा धरना-प्रदर्शन करने पर 900 अध्यापकों के ऊपर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किए हैं अभी तक सरकार 12 अध्यापकों का निलंबन कर चुकी है l राज्य सरकार का ये रवैया तानाशाही वाला है जिसका सीटू राज्य कमेटी घोर निंदा और भर्त्सना करती है l


पूर्व में शांता कुमार की सरकार ने भी कर्मचारियों का दमन किया था उसके बाद प्रदेश के कर्मचारियों और जनता ने शांता कुमार को दोबारा सत्ता पर कब्जा नही होने दिया था और पालमपुर के विश्राम गृह में बैठा दिया था l प्रदेश की वर्तमान कॉंग्रेस सरकार भी कर्मचारियों के विभिन्न तबकों के साथ दमन करने पर आमादा है l



बिजली बोर्ड के इंजीनियर को पी डब्ल्यू डी में भेजा जा रहा है, बिजली बोर्ड की बिजली की लाइनौं को निजी क्षेत्र में देने का फैसला लिया जा रहा है l और बिजली बोर्ड और अन्य निगमों के कर्मचारियों को अभी तक औ पी एस लागू नहीं किया जा रहा है l
यदि प्रदेश सरकार अपनी दमनात्मक और निजीकरण की मुहिम को वापिस नहीं लेती है तो प्रदेश का कर्मचारी और मजदूर वर्ग वर्तमान कॉंग्रेस सरकार की हालत शांता कुमार की तानाशाह सरकार से भी बदतर करेगी l सीटू राज्य कमेटी प्रदेश सरकार से आग्रह करती अध्यापकों के निलंबन व उनके खिलाफ दर्ज फौजदारी केस वापिस लो l


सीटू अध्यापकों और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के आंदोलन पर किसी भी तरह के दमनात्मक कदम का विरोध करती है और आग्रह करती है कि प्रदेश सरकार अध्यापकों और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाए और इनकी जायज मांगों का निराकरण करे l


