

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- प्रदेश सरकार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए वचन दृढ संकल्प है। सरकार समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत लक्ष्य पूरा करने के लिए निरंतर गतिशील है ताकि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।


प्रदेश के छात्रों तक इनोवेशन और टेक्नोलॉजी की पहुंच बनाना है, ताकि वो किसी भी मामले में दुनिया से पीछे न रहें । इस लिए इनोवेशन, तकनीक शिक्षा, स्टार्टअप आंत्रप्रेन्योरशिप (उद्यमिता) और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के चयनित 465 सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए जा रहे हैं।


जिसके तहत कक्षा छठी से बाहरवीं तक पढ़ने वाले छात्रों को नवाचार और तकनीकी ज्ञान से जोड़ने की पहल की जा रही है । ताकि विद्यार्थी वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकें।



हमीरपुर जिले की पी एम् श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बिझड़ी में प्रस्तावित लैब सेटअप करने पहुंचे फील्ड कोऑर्डिनटोर सुमन प्रजापति ने बताया कि प्रदेश के चयनित स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) की स्थापना का कार्य प्रगति पर है और जल्दी ही कार्य को पूरा कर लैब स्कूलों को समर्पित की जाएँगी ।
इसका उद्देश्य स्कूल स्टूडेंट्स में इनोवेशन और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देना है। इन लैब्स में रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट टूल्स सेंसर, प्रिंटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी लेटेस्ट टेक्नीक्स सिखाई जाएगी ।


इससे विद्यार्थियों को डिजाइइन माइंडसेट, कम्प्यूटेशनल सोच, अडैप्टिव लर्निंग, फिजिकल कम्प्यूटिंग जैसी स्किल्स डेवलप करने के साथ-साथ उन्नत तकनीकों की जानकारी मिलेगी। लेब सेटअप के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को थ्री डी प्रिंटर के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया की प्रिंटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो परत दर परत वस्तुओं को बनाने के लिए कंप्यूटर एडेड डिजाइन का उपयोग करती है। थ्री डी प्रिंटिंग का उपयोग आम तौर पर विनिर्माण और ऑटोमोटिव उद्योगों में किया जाता है, जहाँ थ्री डी प्रिंटर का उपयोग करके उपकरण और पुर्जे बनाए जाते हैं।
सुमन प्रजापति ने कहा कि ये आधुनिक प्रयोगशालाएं छात्रों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (एस टी एम एम ) के सेक्टर्स में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही हैं। यह कदम विद्यार्थियों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाने में सहायक होगा।
जिसके कारण विद्यार्थी नवाचार की संस्कृति सीखेंगे और अपने विचारों को साकार करने का अवसर प्राप्त करेंगे। इन लैब में अत्याधुनिक उपकरण और संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि छात्र व्यावहारिक रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समझ सकें।

इन प्रयोगशालाओं से विद्यार्थियों में तार्किक सोच, समस्या समाधान क्षमता और रचनात्मकता का विकास होगा और छात्रों को भविष्य के लिए इनोवेटिव स्किल प्रदान करना है।
एटीएल के प्रभाव से स्टूडेंट्स का झुकाव सिर्फ रटने और प्रैक्टिकल की बजाय प्रयोगात्मक शिक्षा और नए अविष्कारों की ओर होगा। जिससे छात्रों के मन में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना की भावना बढ़ेगी।
स्कूलों में इन लैब को सुचारू रूप से कार्यान्वित करने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए निर्धारित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। वहीं भविष्य में विद्यार्थियों को करियर में बेहतर जॉब और इनोवेशन के अवसर प्राप्त होंगे।
सुमन प्रजापति ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना से विद्यार्थियों का रुझान रिसर्च टैकनोलजी की तरफ बढ़ेगा। जिससे विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय प्रतिभा को निखारने का अवसर प्रदान करेगी।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री देवेंद्र कुमार ने कहा कि विद्यार्थी थ्री डी प्रिंटर की कार्य प्रणाली को देखकर काफी उत्साहित थे। विद्यालय में अटल टिंकरिंग लैब होने से विद्यार्थियों को नई-नई तकनीक से सीखने की क्षमता के साथ –साथ व्यवहारिक ज्ञान में वृद्धि होगी ।
जो विद्यार्थियों लिए उज्ज्वल भविष्य में सहायक और रोजगार परक सिद्ध होगा। इस मौके पर लैब इंचार्ज सुनील कुमार, केवल कृष्ण और अन्य स्टाफ मौजूद रहे।


