कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर: जाति जनगणना पर भाजपा का स्पष्ट रुख-राकेश ठाकुर

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  जिला भाजपा अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयानों में भारी विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को वास्तव में सामाजिक न्याय की चिंता थी, तो वह अपने 66 वर्षों के शासनकाल में जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं करवा पाई?
राकेश ठाकुर ने बताया कि 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने धर्म आधारित जनगणना तो करवाई, परंतु जातिगत आंकड़ों को सही तरीके से एकत्र न कर पाने के कारण उन्हें आज तक प्रकाशित नहीं किया गया।
इसके विपरीत, वर्तमान केंद्र सरकार माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रत्येक नीति और निर्णय का गहन मूल्यांकन करती है और समाज के हर वर्ग के हित में ठोस कदम उठाती है। उसी दिशा में जाति जनगणना का निर्णय भी लिया गया है।
ठाकुर ने कांग्रेस पर संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज किया है, जबकि भाजपा ने सदैव उनका सम्मान किया है।
 उन्होंने यह भी कहा कि जो पार्टी स्वयं संविधान का बार-बार अपने स्वार्थ के लिए दुरुपयोग करती रही है, वह अब संविधान की रक्षा का ढोंग कर रही है—जो कि अत्यंत हास्यास्पद है।
इसके साथ ही राकेश ठाकुर ने बताया कि कांग्रेस के नेता आरक्षण खत्म करने के आरोप भाजपा पर लगाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि 1986 में राजीव गांधी ने स्वयं संसद में आरक्षण का विरोध किया था। इसके विपरीत, वर्तमान भाजपा सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण लागू कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का कार्य किया है।
आज की स्थिति में देश की जनता अच्छी तरह समझ चुकी है कि किसके पास सशक्त नेतृत्व, नीयत और नीति है। यही कारण है कि विगत 11 वर्षों में कांग्रेस को बार-बार सत्ता से बाहर रहना पड़ा है और भाजपा के नेतृत्व में 26 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं।