

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने आईआईटी (IIT) खड़गपुर में सिविल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर की 21 वर्षीय मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि IIT खड़गपुर में 21वर्ष के छात्र की मृत्यु पर एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने कहा कि पिछले 15 दिनों में आईआईटी खड़गपुर के परिसर में आत्महत्या से मौत का यह दूसरा मामला है।


अप्रैल के महीने में बी-टेक के चौथे वर्ष के छात्र अनिकेत वॉकर ने आत्महत्या कर ली थी। देश भर के आईआईटी में आत्महत्या के मामले चिंताजनक रूप से बढ़ रहे हैं, जो उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों से संबंधित मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता को उजागर करता है।


आईआईटी (IIT)दिल्ली द्वारा हाल ही में गठित एक समिति ने आईआईटी में आत्महत्या के प्रमुख कारणों में “कोचिंग के बाद की थकान, प्रतिस्पर्धा, निरंतर शैक्षणिक मांग और जाति और लिंग आधारित भेदभाव वाली संस्कृति” को चिह्नित किया है।



देश में इस तरह के बढ़ते हुए आत्महत्या के मामले चिंताजनक है कमेटी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र की सरकार इस तरह के शिक्षण संस्थानों में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए किसी भी तरह का कोई प्रयास नहीं कर रही है।
एसएफआई का मानना है कि इसके लिए प्राथमिक तौर पर छात्रों से परामर्श करना आवश्यक है। छात्रों को बिना किसी डर के अपनी चिंताओं को दूर करने के लिए कार्यात्मक और सहायक तंत्र की आवश्यकता है। केंद्र सरकार और शिक्षा मंत्रालय को इस मुद्दे से निपटने में समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।


एसएफआई की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी आईआईटी खड़गपुर में आत्महत्या की उचित जांच और छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं को दूर करने के लिए संस्थागत तंत्र को लागू करने की मांग करती है।


