


हिमाचल/विवेकानंद वशिष्ठ :- 12 से 22 मई 2025 के मध्य आयोजित हिमाचल-उद्बे यात्रा एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक अनुभव रही। इस प्रेरणादायक यात्रा का संचालन शांभला स्पिरिचुअल फाउंडेशन के संस्थापक राम नडेला और निदेशक दीप्ति नडेला के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। ध्यान, स्वाध्याय, सात्विक भोजन और हिमाचली संस्कृति के अद्भुत संगम ने इस यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया।

12 से 14 मई: हमीरपुर — बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव, शक्तिपीठ दर्शन एवं ध्यान प्रचार योजना



12 मई को हमीरपुर टाउन हॉल में बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें लगभग 300 लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन में ध्यान, अनुभव-साझा, पारंपरिक धाम भोजन और हिमाचली लोकनृत्य नाटी ने समां बाँध दिया। दीप्ति नडेला जी ने ध्यान, स्वाध्याय, और सज्जन संगत्या विषयों पर गहन ज्ञान साझा किया, जिसने सभी को गहराई से प्रभावित किया।



13 मई को यात्रा दल सिद्ध शक्तिपीठ ज्वालाजी देवी मंदिर पहुँचा, जहाँ लगभग 2-3 घंटे का सामूहिक ध्यान, हवन और सज्जन संगत्या की अनुभूति हुई। यह स्थल सभी के लिए अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य अनुभव बन गया।
उसी दिन दीप्ति नडेला जी ने PSSM हिमाचल प्रशासनिक टीम से मुलाकात की और ध्यान प्रचार की योजनाओं पर चर्चा की। विशेष रूप से हमीरपुर में पिरामिड निर्माण की संभावनाओं पर गंभीर विमर्श हुआ।


14 मई को DAV हमीरपुर स्कूल में शिक्षकों के लिए ध्यान पर सत्र आयोजित किया गया। इसमें ध्यान को विद्यार्थियों के लिए दैनिक अभ्यास बनाने, तनाव प्रबंधन और एकाग्रता सुधार में कैसे उपयोगी बनाया जा सकता है, इस पर प्रकाश डाला गया। सत्र के पश्चात विद्यालय प्राचार्य ने विशेष 3 दिवसीय कार्यशाला के लिए आमंत्रण दिया।
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15 और 16 मई: पालमपुर — रेनबो इंटरनेशनल स्कूल और पिरामिड उद्घाटन
15 मई को रेनबो इंटरनेशनल स्कूल, पालमपुर में तीन अलग-अलग ध्यान सत्र आयोजित किए गए—छात्रों, वरिष्ठ विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए। सभी सत्रों में भाग लेने वालों ने इसे एक अत्यंत उपयोगी और शांति प्रदान करने वाला अनुभव बताया।

16 मई को हिमाचल प्रदेश के पहले पिरामिड का उद्घाटन दीप्ति नडेला जी द्वारा सुल्लह गाँव (पालमपुर) में किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर ध्यान साधकों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक रहा। उद्घाटन के बाद सभी ने पारंपरिक हिमाचली धाम का आनंद लिया और इसे एक अध्यात्मिक उत्सव के रूप में अनुभव किया।
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17 मई: बीड़ बिलिंग — पर्वतीय प्रक्रिया और आध्यात्मिक विश्राम
17 मई को यात्रा दल बीड़ बिलिंग पहुँचा जो एशिया की दूसरी सबसे ऊँची पैराग्लाइडिंग साइट है। वहाँ स्थित Yellow Stone होटल में दीप्ति और राम नडेला जी पहले सम्मानित अतिथि बने। इस दिन उन्होंने सभी सदस्यों के लिए भोजन स्वयं बनाकर परोसा।
शाम को एक विशेष प्रक्रिया के तहत सभी सदस्य माँ धरती पर लेटे, वर्षा की बूंदों के बीच गहराई से ध्यान किया। यह अनुभव सभी के लिए अत्यंत सजीव और ऊर्जा से भरपूर रहा। दिन का समापन चाय-पकोड़ा और समूह नृत्य के साथ हुआ।
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18 से 22 मई: धर्मशाला — प्रकृति, शक्ति और परिवर्तन की भूमि
18 मई को कुछ सदस्यों ने बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग का अनुभव किया। फिर सभी धर्मशाला पहुँचे जहाँ नड्डी गाँव भ्रमण, प्राकृतिक ध्यान और सनसेट पॉइंट पर शांति का अनुभव किया गया।
19 मई को यात्रा दल ब्रजेश्वरी मंदिर (कांगड़ा) पहुँचा, जो एक महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है। वहाँ 2-3 घंटे का सामूहिक ध्यान हुआ, जहाँ सभी ने अत्यंत गहन और दिव्य ध्यान अनुभव किया। मंदिर परिसर की ऊर्जा ने सभी को भीतर तक छू लिया। ध्यान के उपरांत सभी ने मंदिर के लंगर का आनंद लिया। शाम को दल ने कांगड़ा किला भ्रमण किया और फिर चामुंडा देवी मंदिर पहुँचे, जहाँ तालाब के पास बैठकर सज्जन संगत्या और समूह नृत्य हुआ।
20 मई को नमग्याल मोनास्ट्री और दलाई लामा मंदिर में ध्यान सत्र आयोजित हुआ। लगभग 2 घंटे तक ध्यान के बाद दीप्ति नडेला जी ने दलाई लामा जी से विशेष भेंट की। यह भेंट प्रेम, करुणा और सच्ची आध्यात्मिकता से भरपूर थी। शाम को यात्रा दल भागसुनाग मंदिर और भागसुनाग जलप्रपात पहुँचा। वहाँ सभी ने नदी में बैठकर नेचर थैरेपी का अनुभव किया—पत्थरों पर लेटकर, जल में बैठकर और समूह ध्यान के साथ प्रकृति से गहरा जुड़ाव स्थापित किया।
21 मई को सभी सदस्यों ने गुनदेवी मंदिर की 6 किलोमीटर की पदयात्रा की। यात्रा गीत, हँसी, नृत्य और आनंद के साथ पूर्ण हुई। वर्षा के बीच खुले में भोजन किया गया और दीप्ति नडेला जी ने सभी को प्रकृति की गोद में दिव्य ज्ञान प्रदान किया।
22 मई को SN होटल नड्डी के मालिक ने घोषणा की कि वह अब से न केवल स्वयं और अपने परिवार को शाकाहारी बनाएंगे, बल्कि उनका पूरा होटल भी अब पूर्णतः शाकाहारी होटल होगा। यह यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही जिसने सभी को भावुक कर दिया।
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यात्रा की विशेष झलकियाँ:
• हिमाचल का पहला पिरामिड – सुल्लह गाँव (पालमपुर) में उद्घाटन
• दलाई लामा जी और दीप्ति नडेला जी की ऐतिहासिक भेंट
• SN होटल नड्डी का पूर्णतः शाकाहारी होटल में रूपांतरण
• पंचतत्त्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) में ध्यान का गहन अनुभव
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यह यात्रा न केवल हिमाचल प्रदेश के ध्यान आंदोलन के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध हुई, बल्कि जीवन के हर स्तर पर आध्यात्मिकता को अपनाने की प्रेरणा बन गई|


