

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- युवा कांग्रेस बड़सर के अध्यक्ष विकास शर्मा और एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष रुद्राक्ष सिंह ने एक तीखा बयान जारी करते हुए भाजपा में शामिल हुए विधायक इंद्र लखनपाल पर करारा हमला बोला।


नेता जी की बदलती उंगलियों पर उठाए सवाल, कहा – स्वार्थ की राजनीति का परिणाम है तन्हाई


उन्होंने कहा कि “उंगली पकड़ने की बात वो ना करें जो खुद पहले किसी की उंगली पकड़ कर यहां तक पहुंचे हों। युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इंद्र लखनपाल ने राजनीति की शुरुआत दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उंगली पकड़कर की, फिर मुकेश अग्निहोत्री और उसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उंगली पकड़ते हुए कांग्रेस में अपनी राजनीति चमकाई।



उन्होंने कहा कि जब इनसे भी मन नहीं भरा तो नेता जी ने सुधीर शर्मा और राजिंदर राणा की उंगली पकड़कर उस पार्टी को छोड़ दिया जिसे वह कभी अपनी “मां” कहते थे।बड़सर युवा कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अब जब भाजपा में शामिल हो गए हैं तो कभी जयराम ठाकुर, कभी जेपी नड्डा, तो कभी अनुराग ठाकुर की उंगली पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन भाजपा के भीतर कोई भी नए नवेले नेता जी की उंगली पकड़ने को तैयार नहीं, इसी कारण नेता जी आजकल छटपटा रहे हैं कि अब किसकी उंगली पकड़ें।युवा कांग्रेस पदाधिकारियों ने चेताया कि फिलहाल हम सिर्फ राजनीतिक उंगलियों की बात कर रहे हैं।


लेकिन अगर हमने सार्वजनिक जीवन में पकड़ी गई उंगलियों और उनके काले कारनामों को उजागर करना शुरू कर दिया, तो उसकी टीस सहना आपके लिए मुश्किल हो जाएगा।उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा में ऐसे कई कार्यकर्ता हैं जो वर्षों से अलग-अलग नेताओं की उंगली पकड़कर आज मंडल के पदों तक पहुंचे हैं।
बड़सर की जनता भलीभांति जानती है कि कौन किसकी उंगली पकड़कर कहां तक पहुंचा है।बड़सर युवा कांग्रेस ने कहा कि भाजपा बड़सर गुटबाजी का शिकार हो चुकी है। मंच पर बैठने की होड़, पसंदीदा नेताओं के कार्यक्रम में मंच संचालन और वरिष्ठ भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों में पीछे बैठकर मुंह छुपाने की प्रवृत्ति ने सब कुछ उजागर कर दिया है।
यदि आज बड़सर में नेता जी ने अपने पद को बचा रखा है, तो वो उन्हीं युवाओं की देन है जिनकी उंगलियां उन्होंने थामी थीं। लेकिन अब जब स्वार्थ की राजनीति सामने आई है, तो वही नेता जी हजारों कार्यकर्ताओं को उंगली दिखाकर भाजपा में “नई उंगली” करने निकल पड़े हैं।


