


हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र का कार्यकर्त्ता विकास-प्रथम (सामान्य) का 30 मई से चल रहा वर्ग (प्रशिक्षण) 19 जून को सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। शुक्रवार 20 जून को सभी स्वयंसेवक प्रातः राष्ट्र कार्य का संकल्प लेकर अपने-क्षेत्रों में वापिस लौटेंगें।

वर्ग समापन अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता एवं संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी ने कहा कि भारत अब जाग उठा है तथा वह अब अपने शत्रुओं की नशों में निर्णायक प्रहार कर उन्हें दुर्बल करने का प्रचंड साहस और अधिकार रखता है।



ऑपरेशन सिंदूर इसका ही जीता जागता और दुनिया को प्रभावी सन्देश देने वाला भारत का कदम था।भारतीय नेतृत्व और सेना ने शत्रु को उसकी अनाधिकृत चेष्ठा व शक्ति को गहरी चोट पहुंचाने तथा भविष्य में वह फिर ऎसी हिमाकत न कर सके, इसी उद्देश्य को लेकर ऑपरेशन सिंदूर का अभियान चलाया था ।



जिसके राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से व्यापक, आशाजनक व दूरगामी परिणाम सामने आये हैं।इससे आज राष्ट्र गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इसके साथ-साथ इस अभियान के परिणाम स्वरूप भारत की समरिक शक्ति का अनुभव सारी दुनिया नेभी लिया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय समाज में ऎसी शक्ति और विश्वास की जागृति का कारण है सौ वर्षों की संघ साधना यात्रा का परिणाम। आज समय आ गया है कि समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति, यहाँ तक कि समाज के अंतिम व्यक्ति को भी देशहित में सक्रिय करना है। यही संघ का संकल्प है।


प्रदीप जोशी ने यह भी कहा कि संघ शताब्दी वर्ष में संघ का का प्रयास होगा कि संघ घर-घर तक पहुंचें तथा समाज पंच परिवर्तन के माध्यम से व्यापक परिवर्तन का वाहक सिद्ध हो सके।
मौके पर मुख्य अतिथि तथा बौद्ध भिक्षु व टॉन्गलेन चैरिटेबल ट्रस्ट धर्मशाला के निदेशक भिक्षु जाम्यांगने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी धर्मों का सम्मान करता है। चाहे कोई हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो या बौद्ध हो – सभी को स्वीकार किया जाता है और वे अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं।
विविधता में एकता की यह भावना ही भारत को मजबूत और खास बनाती है। इसी वजह से तिब्बती लोग इस भूमि पर अपने धर्म और संस्कृति को सुरक्षित रखने में सक्षम हुए हैं।उन्होंने कहा कि आज, जब मैं आपके सामने खड़ा हूं – भारत के मजबूत और अनुशासित युवा – मुझे उम्मीद और गर्व महसूस हो रहा है।
मेरा मानना है कि भारत का भविष्य आपके हाथों में सुरक्षित है।जमयेंग ने कहा कि मै अपनी बात प्रारम्भ करने से पहले, आपको टोंग-लेन नामक एक संगठन के माध्यम से किए जाने वाले अपने काम के बारे में थोड़ा बताना चाहूँगा। यह धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में स्थित एक छोटी सी चैरिटी है जो वंचित परिवारों, खासकर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की मदद करती है।

हम स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आश्रय और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उनकी मदद करने का प्रयास करते हैं। हमारा उद्देश्य उन्हें सम्मान के साथ जीने और अपने और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद करना है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे देश की सेवा के 100 साल पूरे करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को बधाई देते हुए बहुत खुशी हो रही है।
यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। इन 100 वर्षों में, आरएसएस ने कई तरह से लोगों की मदद की है। आपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, शिक्षा का समर्थन करने, लोगों को एक साथ लाने और भारत की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए काम किया है।
आरएसएस युवाओं को अनुशासित, दयालु और अपने देश से प्यार करना सिखाता है। आपका काम दिखाता है कि कैसे अच्छे मूल्यों वाले सरल लोग समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।उन्होंने विनम्रता पूर्वक कहा कि मैं भारत के लोगों को भी धन्यवाद कहना चाहता हूँ।
1959 में, जब तिब्बती लोग बहुत कठिन समय से गुज़र रहे थे, भारत ने हमारे आध्यात्मिक गुरु, परम पावन दलाई लामा का प्यार और सम्मान के साथ स्वागत किया। न केवल उन्हें, बल्कि सभी तिब्बती लोगों को दया, सुरक्षा और रहने के लिए जगह दी गई।
हम इस गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए हमेशा आभारी रहेंगे। जमयेंग ने पुनः कहा कि वह भारत सरकार और स्थानीय अधिकारियों को इस महान देश में रहने और काम करने का अधिकार देने के लिए धन्यवाद देता हूँ।
भारत एक ऐसा देश है जो सभी धर्मों का सम्मान करता है। चाहे कोई हिंदू हो, मुस्लिम हो, सिख हो, ईसाई हो या बौद्ध हो – सभी को स्वीकार किया जाता है और वे अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं। विविधता में एकता की यह भावना ही भारत को मजबूत और खास बनाती है।
इसी वजह से, तिब्बती लोग इस भूमि पर अपने धर्म और संस्कृति को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं।आज, जब मैं आपके सामने खड़ा हूँ – भारत के सशक्त और अनुशासित युवा – मुझे आशा और गर्व महसूस हो रहा है। मेरा मानना है कि भारत का भविष्य आपके हाथों में सुरक्षित है। आपका समर्पण, अनुशासन और देश के प्रति प्रेम भारत को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। अंत में उन्होंने सभी को अपना आशीर्वाद दिया।
उल्लेखनीय है कि 20 दिनों के इस संघ वर्ग में उत्तर क्षेत्र के पांच प्रांतों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू,कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ तेलंगाना,सौराष्ट्र और कोकण प्रांत के कुल 212 शिक्षार्थियों ने शिक्षण पूरा किया है।यह 212 शिक्षार्थी 93 जिलों के 116 नगरों और 53 खंडो से अपना ₹2000 शुल्क देकर, गणेश बनवाकर और अपना आने-जाने का व्यय वर्ग में शामिल हुए।
इन शिक्षार्थियों को शिक्षण देने के लिए 30 शिक्षकों और 40 प्रबंधक भी पूरे समय वर्ग में रहे।इन शिक्षार्थियों में विद्यार्थी,व्यवसायिक, विस्तारक,प्रचारक, पी एचडी, इंजीनियरिंग, एल एल बी,स्नातकोत्तर, स्नातक आदि के साथ-साथ अध्यापक- प्राध्यापक,उद्योगपति, नौकरी करने वाले कार्यकर्ता भी शामिल थे जिन्होंने इस वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस अवसर पर वर्ग सर्वाधिकारी श्री श्रवण कुमार जी,सह क्षेत्र कार्यवाह डा. किस्मत कुमार , क्षेत्र प्रचारक जतिन, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख बनवीर,सह व्यवस्था प्रमुख, राजेंद्र शर्मा, निदेशक हमीरपुर हीरामल सूर्यवंशी, बिलासपुर विभाग संघचालक शांति स्वरूप ,कांगड़ा चम्बा लोकसभा सांसद राजीव भारद्वाज, विधायक, रणधीर शर्मा, त्रिलोक जमवाल, डा. जनकराज , NIT रजिस्टार अर्चना ननोटी,राष्ट्र सेविका समिति विभाग संचालिका सुशीला,विश्व हिन्दू परिषद प्रान्त संगठन मंत्री प्रेम शंकर, पंकज भारतीय, भारतीय किसान संघ के भगतराम पटियाल आदि उपस्थित रहे!


