आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने सम्मेलन किया में आयोजित

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का जिला शिमला सम्मेलन सीटू कार्यालय किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में आयोजित किया गया।

 

सम्मेलन में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, अजय दुलटा, रमाकांत मिश्रा, बालक राम, अमित कुमार, सुनील मेहता, हिमी देवी, विवेक कश्यप, राम प्रकाश शर्मा सहित अनेकों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहे।

 

सम्मेलन ने निर्णय लिया है कि आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों को लेकर 9 जुलाई को हड़ताल होगी। सम्मेलन ने आगामी तीन वर्षों के लिए पैंतीस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। पिंगला गुप्ता को अध्यक्ष, ख़िमी भंडारी को महासचिव, ऊषा देवी को कोषाध्यक्ष, मोहिनी, शीला कायथ, हरदेई, सुनीता, रमिता को उपाध्यक्ष, शांता, गीता, अंबिका, राजकुमारी, लता को सचिव, रंजिता सुलोचना, हेमलता, कमलेश, कुसुम, आरती, निर्मला, मीरा, गंगेश्वरी, सुरजा, वीना, गीता, अमरावती, लता, आशा, लता, खेमा, मीना मेहता, आशा, मीना, रीना को कमेटी सदस्य चुना गया।

सम्मेलन का उद्घाटन विजेंद्र मेहरा व समापन अजय दुलटा ने किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों को लेकर 9 जुलाई को आंगनबाड़ी वर्कर्स, मिनी आंगनबाड़ी कर्मियों व हेल्पर्स द्वारा एक दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की जाएगी।

 

इस दिन सभी केंद्र बंद रहेंगे। इस दौरान शिमला जिला में शिमला, रामपुर, रोहड़ू, कुमारसैन , सुन्नी, ठियोग में आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा विशाल प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने मांग की है कि मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण आंगनबाड़ी का दर्जा दिया जाए व समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।

 

किसी भी मिनी आंगनबाड़ी केंद्र को बंद न किया जाए। सभी आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी की जाए व उन्हें रेगुलर किया जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ग्रेच्युटी लागू करने की मांग की है।

 

उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के निर्देशानुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रूप में नियमित करने की मांग की है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूल का दर्जा देने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन किये कर्मियों की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देने, पंजाब की तर्ज़ पर मेडिकल सहित अन्य छुट्टियां देने, रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने, वर्दी के लिए उचित आर्थिक सहायता देने, मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, पोषण ट्रेकर ऐप की दिक्कतों को दूर करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, पोषण ट्रैकर ऐप व तीस प्रतिशत बजट कटौती के मुद्दे पर आंगनबाड़ी कर्मियों से संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया कि अगर आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस का निजीकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।

 

उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन,ग्रेच्युटी,मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है।

 

उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। चुनाव ड्यूटी लगाने पर इंसेंटिव दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज के खाली पदों को तुरंत भरा जाए। आंगनवाड़ी वर्करज एवं हेल्परज से अतिरिक्त काम का डबल भुगतान किया जाए।