


हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- उपायुक्त एवं जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों का तुरंत उपचार सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से एक विशेष व्यवस्था की है। हिमाचल प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी इस योजना को लागू कर रहा है।

दुर्घटना के बाद 7 दिन के भीतर उठा सकते हैं इस सुविधा का लाभ



उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर करने का प्रावधान किया है। ऐसे लोगों का अब आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में डेढ लाख रुपये तक कैशलैस इलाज हो सकता है। सड़क दुर्घटना में घायल होने पर सात दिन के भीतर इस सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।



आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में की गई है व्यवस्था
उपायुक्त ने सभी जिलावासियों से अपील की है कि अगर उनके सामने कोई भी सड़क दुर्घटना होती है तो वे तुरंत इसके शिकार लोगों की मदद के लिए आगे आएं तथा उन्हें अस्पताल तक पहुंचाएं।


घायलों की तुरंत मदद करने वालों को मिल सकता है ‘गुड सेमेरिटन अवार्ड’
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद अगर घायलों की तुरंत मदद की जाए तो कई लोगों की बहुमूल्य जानें बच सकती हैं। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद ‘गोल्डन ऑवर’ के दौरान यानि एक घंटे के भीतर घायलों को प्राथमिक उपचार की तत्काल आवश्यकता होती है। इसलिए, किसी भी सड़क दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी को घायलों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए।
उपायुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटना के घायलों की तत्काल मदद करने वाले तथा उन्हें अस्पताल पहुंचाने वाले प्रत्यक्षदर्शियों से पुलिस भी कोई अनावश्यक पूछताछ नहीं करती है। ऐसे मददगार लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ‘गुड सेमेरिटन अवार्ड’ भी आरंभ किया है। इसलिए, प्रत्यक्षदर्शी को घायलों की मदद के लिए बेझिझक आगे आना चाहिए।


