


हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- 25 जून एक ऐसा दिन जब देश आपातकाल की भयावह स्मृति के 20 वर्ष पूरे कर रहा था, तब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वामपंथी हिंसा ने लोकतंत्र की आवाज को कुचलने की कोशिश की।

वामपंथी विचारो का सामना करते हुए अपने प्राणों की दे दी आहुति



25 जून 1995 यह दिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विचारधाराओं की लड़ाई का वह मोड़ था, जब राष्ट्रवादी सोच के लिए एक युवा ने वामपंथी विचारो का सामना करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी।



अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समर्पित कार्यकर्ता स्वर्गीय कुलदीप ढटवालिया की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि – कोटि नमन। उनकी शहादत आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
Post Views: 158


