


हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल के विरोध में भारतीय जनता पार्टी द्वारा बड़सर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आयोजित पत्रकार वार्ता में कांगड़ा लोकसभा से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने कहा कि आपातकाल भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय है। यह वह समय था जब एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की निर्मम हत्या की गई।
भाजपा की प्रेस वार्ता में कांग्रेस पर जमकर बरसे नेता, कहा— एक परिवार के लिए देश के लोकतांत्रिक अधिकार कुचले गए
डॉ. भारद्वाज ने कहा, “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पूरे देश में आपातकाल थोपकर न केवल नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिए, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर भी बर्बर सेंसरशिप लगाई गई। लाखों निर्दोष नागरिकों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में डाला गया।”
उन्होंने कहा कि 21 महीनों तक चला यह आपातकाल भारतीय लोकतंत्र को झकझोर देने वाला समय था, जो कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति और सत्ता के प्रति उसके लालच को उजागर करता है।
डॉ. भारद्वाज ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले उन सभी युवाओं, पत्रकारों और आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने उस कालखंड में अत्याचारों का सामना करते हुए देश को लोकतंत्र की ओर लौटाया।
ये प्रमुख नेता रहे मौजूद
प्रेस वार्ता की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने की। कार्यक्रम में बड़सर के विधायक इंद्रजीत लखनपाल, हमीरपुर सदर के विधायक आशीष शर्मा, पूर्व विधायक कमलेश कुमारी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष वंदना योगी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष उषा बिरला, प्रदेश कार्यकारी सदस्य नवीन शर्मा, जिला महामंत्री अजय रिंटू, मीडिया प्रभारी विकास शर्मा, तथा मंडल अध्यक्ष संजीव कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
सभी वक्ताओं ने आपातकाल के उस भयावह समय को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस की नीतियां हमेशा लोकतंत्र के लिए खतरा रही हैं और आज की पीढ़ी को उस इतिहास को जानना चाहिए ताकि फिर कभी लोकतंत्र को कुचले जाने का दुस्साहस न किया जा सके।
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