


शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि हिमाचल प्रदेश में आई भयंकर प्राकृतिक आपदा से अत्यंत व्यथित है। 30 जून की रात को प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बादल फटने और अत्यधिक वर्षा के कारण आई त्रासदी में अब तक 21 लोगों की मृत्यु, 34 के लापता होने, तथा सैकड़ों घरों, दुकानों और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। सराज विधानसभा क्षेत्र, विशेष रूप से मंडी जिला, इस आपदा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून आपदा – अभाविप जनसेवा में संकल्पबद्ध
अब तक 168 घर पूरी तरह से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। 245 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। 918 बिजली ट्रांसफार्मर और 683 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। थुनाग बाजार में खड्ड के किनारे स्थित 60 प्रतिशत से अधिक दुकानों को नुकसान हुआ है, और पखरेर वैली में एक ही परिवार के पांच सदस्य लापता हैं।
सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें, अफवाहों से बचें – अभाविप
अभाविप हिमाचल प्रदेश प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि जिला मंडी के धर्मपुर उपमंडल की लौंगणी पंचायत के स्याठी गांव में मंगलवार तड़के बादल फटने से पहाड़ी पर हुए भूस्खलन ने पूरे गांव को तहस-नहस कर दिया। 650 घर, गौशालाएं, मवेशी और संपूर्ण घरेलू संपत्ति मलबे में समा गई। यह गांव पिछले दस वर्षों से प्रशासन से सुरक्षित भूमि पर पुनर्वास की मांग कर रहा था, परंतु लगातार अनदेखी के कारण आज पूरा गांव उजड़ गया।
मानसून आपदा 2025: हिमाचल में तबाही, अभाविप राहत कार्यों में जुटी:–नैंसी अटल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) इस विकट परिस्थिति में प्रदेश के जन-जन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। परिषद के कार्यकर्ता सभी प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। हर जिले में हेल्पलाइन नंबर जारी कर राहत सामग्री, भोजन, पीने का पानी, दवाईयां व अन्य आवश्यक वस्तुएँ पीड़ितों तक पहुँचाई जा रही हैं।
अभाविप प्रशासन से निम्नलिखित मांग करती है:
1. लापता लोगों की खोज हेतु विशेष खोज एवं बचाव अभियान चलाया जाए।
2. पीड़ित परिवारों के लिए बिजली, पानी,भोजन, दवाइयों की व्यवस्था प्रदेश सरकार।
3. जिन परिवारों का सब कुछ तबाह हो गया है उन्हें तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
4. प्रभावित छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा अथवा विशेष राहत पैकेज की व्यवस्था की जाए।
5. ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन और संचार व्यवस्था को शीघ्र बहाल किया जाए।
6. राज्य में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में हानि को कम किया जा सके।
विद्यार्थी परिषद जनमानस से अपील करती है कि संकट की इस घड़ी में धैर्य बनाए रखें, अफवाहों से दूर रहें और सरकार एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। यह समय एकजुटता और सहयोग का है।
अभाविप इस आपदा में मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करती है, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती है और लापता लोगों के सकुशल मिलने की प्रार्थना करती है।
अभाविप हर जरूरतमंद तक पहुँचे – यही हमारा संकल्प है।
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