आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी व लॉन्ड्री कर्मियों का सम्मेलन हुआ सम्पन्न।

 

शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :-  आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी व लॉन्ड्री कर्मियों का सम्मेलन कालीबाड़ी हॉल शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में इकतीस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। वीरेंद्र लाल को अध्यक्ष, विद्या को महासचिव, सीता राम को कोषाध्यक्ष, नोख राम, उमा, चमन, मुंशी राम, सुरेंद्रा को उपाध्यक्ष, निशा सकटा, सरीना, चंपा, विद्या गाजटा, बंदना को सचिव, चंद्रेश, पुनमा, राजेंद्र, प्रवीण, श्रुति, संत राम, पिंकू देवी, हीरा सिंह, अनिल, संदीप, सुषमा, आंचल, मीरा मेहता, बिट्टू नेगी, लेखराज, जय कुमार, पवन, राधा को आईजीएमसी कॉन्ट्रेक्ट वर्करज़ यूनियन का कमेटी सदस्य चुना गया।

आईजीएमसी अस्पताल प्रबन्धन व ठेकेदारों पर मजदूरों ने लगाया गम्भीर शोषण का आरोप

सम्मेलन को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, हिमी देवी, विवेक कश्यप, वीरेंद्र लाल, नोख राम, सीता राम, निशा, सरीना, विद्या, उमा आदि ने सम्बोधित किया। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के जरिए मजदूरों पर गुलामी थोपने व बंधुआ मजदूरी कायम करने के खिलाफ, 26 हजार न्यूनतम वेतन, योजना कर्मियों, आउटसोर्स, ठेका प्रथा, मल्टी टास्क, टेंपररी, कैजुअल, ट्रेनी की जगह नियमित रोजगार देने आदि मांगों पर आईजीएमसी के सैंकड़ों मजदूर 9 जुलाई को पूर्ण हड़ताल करके सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर लेबर कोड तुरंत निरस्त न किए तो आंदोलन तेज होगा। उन्होंने कहा कि लेबर कोड लागू होने से सत्तर प्रतिशत उद्योग व चौहतर प्रतिशत मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। हड़ताल करने पर मजदूरों को कड़ी सजाओं व जुर्मानों का प्रावधान किया गया है। पक्के किस्म के रोजगार के बजाए ठेका प्रथा व फिक्स टर्म रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। काम के घंटे आठ के बजाए बारह घंटे करने से बंधुआ मजदूरी स्थापित होगी।

 

आईजीएमसी में श्रम कानूनों का घोंटा जा रहा है गला

 

उन्होंने आईजीएमसी अस्पताल प्रबन्धन व ठेकेदारों पर मजदूरों के गम्भीर शोषण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में श्रम कानूनों का गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में न्यूनतम वेतन, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घण्टे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं किया जा रहा है। आईजीएमसी अस्पताल के ठेकेदार श्रम क़ानूनों की खुली अवहेलना कर रहे हैं।