


मंडी/हिमाचल :- हिमाचल केे कई ज़िलों सेे प्रधानों के भ्रष्टाचार के लगाता मामले सामने आते रहते हैं. अब ताजा मामला हैरान करने वाला है, जहां पर प्रशासन ने महिला प्रधान को संस्पेंड कर दिया है. आरोप है कि महिला प्रधान ने सड़क निर्माण के लिए जेसीबी के बजाये स्कूटी का इस्तेमाल ही दिखा दिया और पेमेंट कर दी।

मंडी जिले के करसोग की पंचायत ठाकुरठाणा, का यह मामला है


जानकारी के अनुसार, मंडी जिले के करसोग की पंचायत ठाकुरठाणा, का यह मामला है। य़हां पर अब महिला प्रधान माला मैहता को सरकारी धन के कथित दुरुपयोग और कर्तव्यों में लापरवाही के आरोपों के चलते जिला पंचायत अधिकारी मंडी ने निलंबित कर दिया है.



मंडी जिले के करसोग पंचायत की महिला प्रधान माला मैहता को भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने स्कूटी को जेसीबी दिखाकर फर्जी बिल बनाए थे.
जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोंगरा के आदेश के अनुसार, विकास खंड करसोग से प्राप्त दो अलग-अलग प्रारंभिक जांच रिपोर्टों में माला मैहता दोषी पाई गई है और पंचायत निधियों के दुरुपयोग का खुलासा हुआ है।

इस संबंध में उन्हें पूर्व में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनके उत्तर असंतोषजनक और तर्कसंगत नहीं पाए गए।
जांच रिपोर्टों के आधार पर महिला प्रधान को सस्पेंड किया गया है
जांच में यह भी सामने आया कि माला मैहता ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 99(4) और धारा 10 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए पंचायत के सचिव के साथ संयुक्त हस्ताक्षर की प्रक्रिया के बिना धन निकासी की. इसके अतिरिक्त अभिलेखों व पंचायत संपत्ति के रखरखाव में भी गंभीर लापरवाही पाई गई।
इन तथ्यों के आधार पर पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 145 (1)(ग) तथा पंचायती राज (सामान्य) नियम, 1997 के नियम 142(1)(क) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला पंचायत अधिकारी ने माला मैहता को उनके पद से निलंबित कर दिया है.

क्या क्या आरोप लगे हैं
महिला प्रधान पर आरोप है कि सड़क निर्माण में एक स्कूटी के रजिस्ट्रेशन नंबर को जेसीबी मशीन बताकर फर्जी बिल बनाए गए और भुगतान भी कर दिया गया. सड़क निर्माण में सुंदरनगर की स्कूटी (HP31) के नंबर को जेसीबी मशीन दिखाया गया और फिर करीब 700 घंटे का भुगतान किया गया।
आरटीआई में इस फर्जीवाड़ों का खुलासा हुआ था. जो सड़कें कई 10 से 15 साल पहले बन चुकी थीं, उनका दोबारा निर्माण दिखाया गया. इसी तरह शमशान घाट, सामुदायिक भवन और अन्य सार्वजनिक ढांचों के निर्माण में भी धांधली की बात कही गई है।


