जनता का समर्थन खोने की हताशा में कांग्रेस नेता स्वायत्त संवैधानिक संस्थाओं को कर रहे बदनाम: राकेश ठाकुर

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं द्वारा भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर लगाए गए निराधार आरोपों की कड़ी आलोचना की है, और इसे पार्टी के घटते जनसमर्थन की हताशा में उठाया गया कदम बताया है।

 

राकेश ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को स्वायत्त संवैधानिक संस्थाओं की ईमानदारी पर सवाल उठाने से पहले अपने 65 साल के शासन में आम जनता को क्या दिया, इस पर आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पिछले ढाई साल से हिमाचल प्रदेश में सत्ता के मजे लूट रही है, इसलिए उनके द्वारा किसी भी गड़बड़ी के लिए चुनाव आयोग को दोष देना तो तर्कसंगत ही नहीं है।

 

ठाकुर ने कहा, “2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी राज्य भर में केवल 37,974 वोटों के मामूली अंतर से 40 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, और यही जीत का मामूली अंतर आगामी 2027 के चुनावों के लिए कांग्रेस की बेचैनी को बढ़ा रहा है।

 

 

सच्चाई यह है कि पिछले अढ़ाई वर्षों में कांग्रेस का शासन बुरी तरह विफल रहा है, और वे जानते हैं कि जनता 2027 में उन्हें पूरी तरह से नकार देगी। इसिलए कॉंग्रेसी नेता अपनी सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए चुनाव आयोग पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।”

 

कांग्रेस के “वोट चोरी” के दावों और 2024 आम चुनावों में भाजपा द्वारा 35,000 से कम वोटों के अंतर से 50 सीटें जीतने के उनके दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए, ठाकुर ने बताया कि 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस द्वारा जीती गई 54 में से 24 सीटें 10,000 से कम वोटों के अंतर से जीती गई थीं। उन्होंने सवाल किया, “क्या कांग्रेस अब स्वीकार करेगी कि उस समय सत्ता में रहते हुए उन्होंने अपने फायदे के लिए चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल किया था?”

 

अंत में, ठाकुर ने कहा कि न तो आम जनता और न ही कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता राहुल गांधी और उनके नेताओं के दावों पर विश्वास करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि अगर मतदाता सूचियों में समान प्रविष्टियाँ हैं, जैसा कि कांग्रेस दावा करती है, तो मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) ज़रूरी है। भाजपा को देश की संवैधानिक संस्थाओं पर पूरा भरोसा है और वह कांग्रेस पार्टी की भ्रामक चालों का पर्दाफ़ाश करती रहेगी।