बढ़ती आबादी के बीच चर्चा होती है कि भूजल स्तर गिरता जा रहा है. पानी का संकट बढ़ने वाला है. तीसरा विश्वयुद्ध भी पानी के लिए ही लड़े जाने की अफवाहें बीसियों वर्ष से पाठक पढ़-सुन रहे हैं. ऐसे में किसी एक जिले में 500 से ज्यादा तालाबों की जानकारी हैरान करने वाली है. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र-वाराणसी, इन दिनों चर्चा में है. पिछले 5 वर्षों में अलग-अलग विभागों ने मिलकर 511 तालाब खोदे और बनाए हैं. मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया है कि जिले में अलग-अलग विभागों ने पिछले 5 वर्षो में कुल 511 तालाब बनाए हैं.
सीएम योगी देखते हैं कामकाज
आप जानते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री की संसदीय सीट वाराणसी के चहुंमुखी विकास के लिए सतत प्रयत्नशील हैं. वे लगातार वाराणसी का दौरा करते हैं और विकास कार्यों की समीक्षा करते हैं. अब तक वे सवा सौ से ज्यादा दौरे कर चुके हैं.
ऐसे होगा महिला सशक्तिकरण
किसी शहर या जिले में तालाबों की बढ़ती संख्या नि:संदेह प्रशंसनीय उपक्रम है. ऐसे में जब ये पता चलता है कि इन तालाबों से स्थानीय महिलाओं के लिए रोजगार सृजन की दिशा में भी कोशिश की जा रही है तो यकीन मानिए, महिला सशक्तिकरण की राह में कोई क्या ही बाधा उत्पन्न करेगा. जी हां, इन तालाबों के सहारे वाराणसी की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की उपज जल्दी ही विदेश में भी चखी जाएंगी.
सिंघाड़ा और केला का होगा निर्यात
योजना है कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सिंघाड़ा और केले की खेती करेंगी. इन महिलाओं की मेहनत से उपजी फसल को निर्यात करने की योजना भी है. इसके लिए योगी सरकार बकायदा इन महिलाओं को विशेषज्ञों से प्रशिक्षण भी दिलाएगी. इस प्रशिक्षण का लाभ ये होगा कि फसल गुणवत्ता वाली होगी और किसी भी तरह के नुकसान से बचाया जा सकेगा.
महिलाओं के उत्थान के लिए पीएम प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं की आय बढ़ाने को लेकर कई बार अपनी प्रतिबद्धता जता चुके हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी तमाम क्षेत्रों में अवसर पैदा करके महिलाओं की आय बढ़ा कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. और ये 511 तालाब उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है.
ऐसे होगा तालाब का चयन
योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि 511 तालाबों में से सिंघाड़े की खेती के लिए उपयुक्त तालाबों का चयन किया जा रहा है. विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि चुने गए तालाब में पानी हो. और वो तालाब समूह की महिला के घर के आस-पास ही हो. इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि तालाब पूजा के लिए न इस्तेमाल हो रहा हो. तालाब के पास मंदिर न हो. आस पास बैठने, टहलने, योगा आदि की व्यवस्था न हो. यानी, ऐसे तालाब, जो किसी और कार्य से नही जुड़े हैं और जो सिंघाड़े की खेती के लिए उपयुक्त हैं.
महिलाओं को देंगे प्रशिक्षण
हिमांशु नागपाल ने इस बात की पुष्टि की है कि सिंघाड़ा और केले की खेती के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का चयन करके विशेषज्ञ उनको प्रशिक्षित भी करेंगे. सिंघाड़ा और केला दोनों ही पूजा में चढ़ाने के काम आते हैं. इसके अलावा व्रत में फल के रूप में खाने और सब्जी बनाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है. सिंघाड़े और केले की बड़ी मांग विदेश में भी है, और इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार कार्य योजना तैयार कर रही है ताकि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए सिंघाड़ों और केलों को विदेश निर्यात किया जा सके.
किस विभाग के कितने तालाब
योगी सरकार के दौरान पिछले 5 वर्षों में वाराणसी में खोदे गए 511 नए तालाब में से 491 मनरेगा तालाब हैं. 14 लघु सिंचाई विभाग ने बनाए हैं, जबकि भूमि संरक्षण विभाग ने 06 तालाब बनाए हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 11:32 IST