मुद्दा टोल का तो है ही पर लोंगो की सुरक्षा का भी है: संदीप सांख्यान

बिलासपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मीडिया कॉर्डिनेटर संदीप सांख्यान ने कहा है कि मुद्दा टोल को बंद करने का तो है ही पर उससे भी ज्यादा जरूरी लोंगो और यात्रियों की सुरक्षा का है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गड़करी से बात करनी चाहिए। 

 

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री करें नितिन गडकरी से बात

 

संदीप सांख्यान ने कहा हिमाचल प्रदेश में इस समय शिमला फोरलेन, चंडीगढ़ मनाली फोरलेन, शिमला धर्मशाला फोरलेन, सरकाघाट व धर्मपुर का एक्सप्रेस हाइवे सभी एक्सजावेटर के कटानों से त्रस्त हैं और यहां पर जानमाल का नुकसान भारी मात्रा में हो रहा है ऐसे में यात्रियों और उनकी गाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी एनएचआई की बन जाती है।

 

भाजपा के 4 लोकसभा और 3 राज्यसभा सांसद करें नितिन गडकरी से बात

 

 

जिसका एक पहलू यह है कि जब तक फोरलेन के हालात प्रदेश में सुचारू नहीं हो जाते तब टोल की वसूली बंद होनी ही चाहिए लेकिन लोगो के जानमाल की जिम्मेदारी भी एनएचएआई और केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को उठानी चाहिए।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा अधिकतर फोरलेन बनाने वाली कम्पनियों ने पहाड़ो में 90 डिग्री के ऐंगल पर कटान कर रखा है और उससे इस भारी बरसात में 90 डिग्री कटान का मलबा और बड़े बड़े पत्थर सीधे फोरलेन पर गिर रहा है मार्ग तो अवरुद्ध हो ही रह है पर साथ ही लोगों और मुसाफिरों की जान पर भी बन आई है।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा है कि 90 डिग्री के कटान के ऊपर कुछ लोंगो के गाँव और घर भी है उनको भी भारी खतरा हो चुका है वह कभी भी फोरलेन पर आ सकते हैं। संदीप सांख्यान ने कहा है जहां एक तरफ प्रदेश सरकार और जिलों के प्रशासन और पुलिस प्रसाशन का सवाल है वह मुस्तैदी से काम कर रहे है, वहीं पर एनएचएआई और केंद्रीय परिवहन और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय चुप्पी साधे बैठा है।

 

 

संदीप सांख्यान ने कहा कि प्रदेश से 4 सांसद लोकसभा और 3 सांसद राज्यसभा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को टोल और हिमाचल के यात्रियों की इस समस्या का मसला केंद्र सरकार और और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उठाकर हिमाचल के लोंगो के हितों की रक्षा करनी चाहिए नहीं तो हिमाचल प्रदेश में फोरलेन की वजह से भारी नुकसान हो सकता है।