





हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- विधानसभा सत्र की व्यस्तताओं के बीच जब अधिकांश नेता आराम करना पसंद करते हैं, तब बड़सर विधानसभा क्षेत्र के विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने यह साबित कर दिया कि उनके लिए राजनीति नहीं बल्कि जनता सर्वोपरि है। शिमला से लौटते ही उन्होंने विधानसभा अवकाश का एक-एक क्षण अपने क्षेत्र की पीड़ित जनता के नाम कर दिया।
विधानसभा सत्र के बीच सीधे जनता के बीच पहुँचे

सुबह से देर रात तक विधायक लखनपाल जी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित गाँवों में घूम-घूमकर नुकसान का जायजा लेते रहे। उन्होंने प्रभावित परिवारों के घरों तक पहुँचकर उनका दर्द साझा किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए।
पेश किया जमीनी नेतृत्व का मिसाल

दौरे से लौटते वक्त समतांना के पास विधायक जी का काफ़िला रुका। कारण था – भूस्खलन से सड़क पर फंसी एक गाड़ी। आमतौर पर ऐसे समय नेताओं की गाड़ियाँ तेज़ी से निकल जाती हैं, लेकिन विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी गाड़ी रोकी, खुद बाहर निकले और स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर फंसी हुई गाड़ी को निकालने में मदद की।
उनकी इस तत्परता ने यह साबित कर दिया कि वे केवल विधानसभा तक सीमित नहीं, बल्कि संकट की हर घड़ी में जनता के बीच खड़े रहने वाले सच्चे जनप्रतिनिधि हैं।
“जनता मेरी ताकत है” – विधायक लखनपाल
इस मौके पर विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल जी ने कहा –
“मेरे लिए जनता का सुख-दुख ही सबसे बड़ा धर्म है। विधानसभा सत्र की व्यस्तता बीच मैंने यह संकल्प लिया है कि क्षेत्र का कोई भी परिवार अकेला महसूस न करे। राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
जनता में विश्वास और आत्मीयता
विधायक जी की इस मानवीय पहल ने स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया। प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों ने कहा कि विधायक महोदय का रात-दिन जनता के बीच रहना यह दर्शाता है कि वे सचमुच एक संवेदनशील और जमीनी नेता हैं।
विधानसभा के सदन से लेकर गाँव की गलियों तक, विधायक इन्द्रदत्त लखनपाल हर स्तर पर जनता की आवाज़ बनकर खड़े हैं।
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