





शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी प्रदेश में भारी वर्षा से आई आपदा पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है तथा समस्त प्रदेशवासियों से इस आपदा व संकट की घड़ी में साहस व धैर्य से काम करने का आग्रह करती हैं।
पार्टी प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों तथा सामाजिक व अन्य संगठनों से इस आपदा से निपटने के लिए मिलकर कार्य करने की अपील करती है तथा मुख्यमंत्री से इसको लेकर तुरन्त सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह करती है। इस आपदा के चलते प्रदेश में गंभीर संकट पैदा हो गया है और प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इस आपदा से उभरना असंभव है।


इसलिए केंद्र सरकार तुरन्त इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर कम से कम 5000 करोड़ रुपए की फौरी राहत प्रदेश को प्रदान करे ताकि राहत व पुनर्वास कार्य शुरू किया जा सके।



प्रारंभिक अनुमान के अनुसार प्रदेश में अभी तक 3500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान केवल सरकार के विभिन्न विभागों का हुआ है। यदि प्रदेश में सरकारी व निजी संपति का प्रारंभिक आंकलन देखें तो यह नुकसान 15000 करोड़ रुपए से अधिक है। अभी तक इस आपदा में 368 लोगों ने अपनी जान गंवाई है और 41 लोग अभी भी लापता हैं।
अभी तक 14000 से अधिक मकान गिरे या क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 65000 के करीब पशुधन की मौत हुई है। कृषि व बागवानी क्षेत्र को करीब 1700 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

भारी वर्षा से लगभग पूरा प्रदेश आपदाग्रस्त है तथा प्रदेश की अधिकांश सड़के क्षतिग्रस्त हुई है तथा बिजली की आपूर्ति बाधित होने से मोबाइल नेटवर्क व अन्य संचार के माध्यम प्रभावित होने से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों एक दूसरे से कटे हुए हैं। जिसके कारण नुकसान का सही आंकलन करना अभी संभव नहीं है।
ऐसी सूचनाएं भी प्राप्त हो रही है जो क्षेत्र पिछले लंबे समय से वर्षा के कारण आपदा प्रभावित हैं तथा सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है वहां पर कुछ स्थानों पर खाद्य वस्तुओं व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की भी किल्लत पैदा हो रही है।
प्रदेश में पिछले दो महीने से लगातार वर्षा तथा पिछले चार दिनों से प्रदेश भर में हो रही भारी वर्षा से लगभग पूरा प्रदेश ही इससे बुरी तरह से प्रभावित है। सरकार व प्रशासन सड़क मार्ग व अन्य संचार प्रभावित होने से अभी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच नहीं पा रहा है और प्रभावित लोगों के राहत नहीं मिल पा रही है।
सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों की कमी के कारण बिजली, पानी, सड़क व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को बहाल नहीं किया जा रहा है। जिससे लोगों को जीवन व्यतीत करने में कठिनाई हो रही है।

प्रदेश में आजकल सेब का सीजन पूरे जोरो पर है। परन्तु सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग व अन्य संपर्क मार्ग आज बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं और इनमें अधिकांश बंद पड़े हैं। जिससे किसानों बागवानों को उनकी फसल मंडियों तक पहुंचाने में भारी परेशानी हो रही है और फसल खेत या सड़क पर ही सड़ रही है।
इससे प्रदेश की सेब की आर्थिकी जो करीब 6000 करोड़ रुपए की है बर्बादी की कगार पर है तथा प्रदेश के लाखों बागवान परिवारों का रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। *पार्टी मांग करती है कि आपदा से पैदा हुई इस विषम परिस्थित में केंद्र सरकार प्रदेश में मण्डी मध्यस्थता योजना(MIS) के लिए पर्याप्त धन का प्रावधान कर तुरन्त प्रभाव से इसे लागू करे।
केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर नोडल एजेंसी तय कर पूरे प्रदेश में केंद्र खोल कर A ग्रेड का सेब 80 रु प्रति किलो, B ग्रेड का सेब 60 रु प्रति किलो तथा C ग्रेड का सेब 40 रु प्रति किलो के हिसाब से खरीद शुरू करे।*
प्रदेश सरकार ने राज्य को आपदाग्रस्त राज्य घोषित किया है। पार्टी मांग करती है कि मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन कर सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जमीनी स्तर पर सभी विभागों के साथ समन्यव बिठाकर राहत कार्य करने का आदेश जारी करे ताकि लोगों को फौरी राहत के साथ ही साथ राशन, पानी, बिजली, सड़क आदि मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए।
पार्टी राज्य कमेटी ने अपनी सभी कमेटियों को अपने अपने क्षेत्र में लोगों के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य करने के लिए कहा है तथा यदि किसी को भी किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता है तो वह पार्टी की स्थानीय कमेटियों से संपर्क कर सकते हैं। पार्टी इस आपदा की घड़ी में हर संभव सहायता का प्रयास करेगी।




















































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