





शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) एचपीयू ईकाई ने विश्वविद्यालय में छात्रों को हॉस्टल सुविधा से वंचित रखने के लिए लाए गए गैरकानूनी FIR नियम के विरोध में अधिष्ठाता अध्ययन और मुख्य छत्रपाल का घेराव किया। हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 की शुरुआत हो चुकी और नए छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा प्रदान करवाने की प्रक्रिया भी जारी है।

लेकिन इसी दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र कार्यकर्ताओं को निशानबनाते हुए एक गैरकानूनी FIR नियम को नए सत्र से लागू करने के आदेश दिए है। इस नियम के अनुसार जिस भी छात्र के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा FIR दर्ज हुई होगी उस छात्र को हॉस्टल सुविधा से वंचित रखा जाएगा।



एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई ने इस गैरकानूनी नियम का कड़ा विरोध किया है। एस एफ आई का मानना है इस नियम का उद्देश्य सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन की कमियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले छात्रों पर हमला करना है। गौरतलब है कि यह नियम आपराधिक क़ानून के उन मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, जिनके अनुसार किसी व्यक्ति को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि वह दोषी सिद्ध न हो जाए।




एस एफ आई मानती है कि यह नियम छात्रों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का साफ उल्लंघन है। इसी नियम के विरोध में आज एस एफ आई ने मुख्य छत्रपाल और अधिष्ठाता अध्ययन का घेराव किया। विश्वविद्यालय प्रशासन के दोनों अधिकारियों ने एस एफ आई को आश्वासन जताते हुए बताया के इस नियम पर विश्वविद्यालय कुलसचिव और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा करी जाएगी और इसकी संवैधानिकता पर निर्णय लिया जाएगा ।
एस एफ आई ने चेतावनी दी कि अगर इस गैर कानूनी नियम को जल्द से जल्द वापस नहीं लिया गया तो एस एफ आई छात्रों की इस तुगलकी फरमान के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों को संगठित करेगी और एक बड़े आंदोलन का निर्माण करेगी और इस आंदोलन का जिम्मेदार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन खुद होगा।






















































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