





शिमला/विवेकानंद वशिष्ठ :- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि हिमाचल प्रदेश में कानून एवं शिक्षा व्यवस्था की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। इसका ताज़ा उदाहरण एक अत्यंत शर्मनाक घटना है, जिसमें एक अध्यापिका ने एक विद्यार्थी को कंटीले पौधे से बेरहमी से मारा।
शिक्षक का नहीं, अत्याचारी का चेहरा — विद्यार्थी को माफ़ी मांगने पर भी नहीं बख्शा:–अभाविप


जब वह विद्यार्थी माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाता रहा, रोता रहा और अपने शरीर से कांटे निकालता रहा, तब भी अध्यापिका ने अपनी अमानवीयता नहीं रोकी। इतना ही नहीं, उसने कपड़े उतरवाने तक की बात कही — जो न केवल एक विद्यार्थी की गरिमा पर प्रहार है बल्कि सम्पूर्ण शिक्षण व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।



सरकार का मौन और शिक्षक की बर्बरता आखिर इंसाफ़ कब?:–अभाविप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस क्रूर घटना की कड़े शब्दों में निंदा करती है और इसे हिमाचल की शिक्षा व कानून व्यवस्था के पतन का प्रतीक मानती है। एक शिक्षक से जहां संस्कार, सहानुभूति और आदर्श की अपेक्षा होती है, वहीं इस प्रकार की अमानवीयता समाज में भय और अविश्वास पैदा करती है।

वर्तमान प्रदेश सरकार का इस घटना पर मौन रहना अत्यंत चिंताजनक और शर्मनाक है। अभाविप मांग करता है कि सरकार तत्काल इस मामले का संज्ञान ले, संबंधित अध्यापिका पर कठोर कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
विद्यार्थी परिषद सदैव विद्यार्थी हितों की रक्षा हेतु संघर्षरत रहेगी और इस प्रकरण में न्याय सुनिश्चित होने तक आवाज़ बुलंद करती रहेगी।





















































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