कांगड़ा के गुप्त गंगा परिसर में संपन्न हुआ अभाविप का प्रांत अधिवेशन

कांगड़ा/विवेकानंद वशिष्ठ  :-   अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का 46वां प्रांत अधिवेशन वीर भूमि हिमाचल के कांगड़ा जिला की गुप्त गंगा के पावन परिसर में सम्पन्न हुआ। जिसमें विद्यार्थी परिषद ने वर्ष 2025-26 के नए नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश मंत्री की घोषणा की जिसमें डॉ राकेश शर्मा को पुनः विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। ऐसे ही नैंसी अटल को विद्यार्थी परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 के प्रदेश मंत्री चुना गया है।

2025-26 के लिए हुई अभाविप की प्रांत कार्यकारिणी की घोषणा

 

अभाविप के इस प्रांत अधिवेशन में हिमाचल प्रदेश के वर्तमान परिदृश्य एवं हिमाचल प्रदेश का वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य के विषय को लेकर दो प्रस्ताव भी पारित किए गए जिसमें , नशे का संकट विशेष रूप से युवाओं के बीच भयावह रूप में फैल चुका है। चिट्टा जैसे सिंथेटिक ड्रग्स ने अनेक परिवारों को तबाह किया है।

प्रदेश के शैक्षणिक एवं वर्तमान परिदृश्य को लेकर पारित हुए दो प्रस्ताव – नैंसी अटल

 

पुलिस व प्रशासन के प्रयासों के बावजूद यह समस्या लगातार बढ़ रही है। राज्य में पुनर्वास केंद्रों की संख्या और प्रभावशीलता दोनों बढ़ाने की आवश्यकता है। नशा निवारण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियां, सेवानिवृत अधिकारियों को पुनः नियुक्तियां देना, मुख्य सचिव जैसे संजीदा पदों पर अस्थाई नियुक्तियां यही बताता है।

कि यह सरकार केवल और केवल मित्रों की सरकार, “वन मित्र, पशु मित्र, बिजली मित्र, लोक मित्र, रोगी मित्र और खास लोगों के मित्र” बनकर ही रह गई है और बहुत से करणीय बिंदुओं पर काम ना करके हिमाचल की भोली भाली जनता से विश्वासघात करने का काम यह वर्तमान सरकार कर रही है।

 

धारा 118 के साथ छेड़छाड़ और कानून व्यवस्था का चरमराना भी इस सरकार की बड़ी विफलता है।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् यह स्पष्ट करती है कि हिमाचल प्रदेश की इन बहुस्तरीय समस्याओं का समाधान केवल पारदर्शी शासन, सजग प्रशासन, वैज्ञानिक नीति और छात्र-युवाओं की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से ही संभव है।

 

जब तक जनसहभागिता से सशक्त लोकतांत्रिक दबाव नहीं बनेगा, तब तक वास्तविक परिवर्तन कठिन बना रहेगा। परिषद प्रदेश के समग्र, न्यायपूर्ण और संवेदनशील विकास हेतु अपने विचार, चेतना और सक्रियता के साथ पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 46 वें प्रदेश अधिवेशन में प्रदेश के वर्तमान शैक्षणिक परिदृश्य पर गंभीर चिंता प्रकट करती है। प्रदेश सरकार बिना किसी विचार-विमर्श के एक के बाद एक छात्र विरोधी निर्णय ले रही है।

 

सरकार ने हर वर्ष एक लाख सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था परंतु इस गारंटी को पूरा करने में प्रदेश सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अभी हाल ही में सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों में CBSE बोर्ड लागू करने के निर्णय का विद्यार्थी परिषद स्वागत करती है

 

परन्तु दूसरी तरफ आए दिन सरकार अनेक शिक्षण संस्थानों को बंद करने के निर्णय ले रही है जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के निर्माण कार्य के लिए आवश्यक धनराशि तुरंत उपलब्ध करवाई जाए।

 

पिछले ढाई वर्षों में शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ाकर शिक्षण संस्थानों को कमजोर करने का कुप्रयास किया जा रहा है। परिषद सरकार को आगाह करती है कि शिक्षण सस्थानों को राजनीति का अखाड़ा न बनाएँ और इनकी स्वायतता बहाल करें।

 

गैस्ट टीचर पॉलिसी को निरस्त कर स्थाई भर्ती की जाए और अनावश्यक रूप से विश्वविद्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद किया जाए अन्यथा विद्यार्थी परिषद इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी जिसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेवार होगी।

 

प्रांत मंत्री सुश्री नैंसी अटल जी ने कहा कि पूरे प्रदेश से इस अधिवेशन में विद्यार्थी परिषद के लगभग 524 कार्यकर्ता पहुंचे हैं। जिसमें छात्र:–310 , छात्रा:–167 , प्राध्यापक:–47 जो आने वाले समय में इस देश की शक्ति को बढ़ाने के लिए भारत मां के चरणों में नतमस्तक हो कर अलग अलग क्षेत्रों में आगे जाकर काम करने वाले हैं। जिसके लिए विद्यार्थी परिषद भी युवाओं के अंदर राष्ट्रीयता की भावना को भरता आया है।