दिव्यांगजनों के लिए “हिम बस कार्ड” की अनिवार्यता का निर्णय तुरंत वापस लिया जाए: राजन कुमार

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को जारी अधिसूचना के तहत दिव्यांगजनों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्राप्त करने हेतु “हिम बस कार्ड” बनवाना अनिवार्य किया गया है। इस निर्णय का प्रदेशभर के दिव्यांगजनों, सामाजिक संगठनों तथा हिमाचल प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम ने कड़ा विरोध किया है।

 

हमीरपुर के दिव्यांग प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त महोदय के माध्यम से मुख्यमंत्री  सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा है।

जिला दिव्यांग समीक्षा समिति के सदस्य एवं हिमाचल प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के डायरेक्टर राजन कुमार ने कहा कि यह निर्णय दिव्यांगजनों पर अनावश्यक आर्थिक एवं प्रशासनिक बोझ डालता है। उन्होंने कहा कि सरकार को दिव्यांगजनों से जुड़ी किसी भी नीति पर निर्णय लेने से पूर्व दिव्यांग समीक्षा समितियों से विचार-विमर्श करना चाहिए।

 

राजन कुमार ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी यूडीआईडी (Unique Disability ID) पहले से ही देशभर में एकीकृत पहचान पत्र के रूप में मान्य है। ऐसे में “हिम बस कार्ड” की अतिरिक्त अनिवार्यता न केवल दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 की भावना के विपरीत है, बल्कि यह संवैधानिक समानता एवं सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है।

 

उन्होंने कहा कि “यदि सरकार दिव्यांगजनों को सामान्य व्यक्तियों के समान कार्यक्षम नहीं बना सकती, तो कम से कम उन्हें वे सुविधाएँ और सम्मान तो देना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं।”

 

राजन कुमार ने मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया कि इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए तथा दिव्यांगजनों को यात्रा सुविधा केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यूडीआईडी कार्ड के माध्यम से ही प्रदान की जाए।

 

उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस पर शीघ्र कार्यवाही नहीं की, तो दिव्यांग समुदाय अपने अधिकारों की रक्षा हेतु वैधानिक मार्ग अपनाने को बाध्य होगा।

 

अंत में राजन कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दिव्यांगजन अब पहले से कहीं अधिक जागरूक और आत्मसम्मानित हैं तथा वे सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह संवेदनशील एवं मानवीय दृष्टिकोण अपनाए।