शोषण मुक्ति मंच का अधिवेशन हुआ सम्पन्न

हमीरपुर/विवेकानंद वशिष्ठ :-  आज ज्योति बसु भवन, हमीरपुर में शोषण मुक्ति मंच का जिला अधिवेशन सम्पन्न हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता अलग अलग संगठन से आये पदाधिकारियों ने की। इस अवसर पर जिला भर से लगभग 70 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

अधिवेशन में देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रही जाति-आधारित हिंसा और दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और इन्हें रोकने के लिए ठोस रणनीति पर गंभीर मंथन हुआ।

 

हाल ही में रोहड़ू क्षेत्र में दलित छात्र के साथ हुई अमानवीय मारपीट और सामाजिक अपमान की घटनाओं का जिक्र करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ये घटनाएँ प्रदेश की सामाजिक चेतना को झकझोर देने वाली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन और शासन की निष्क्रियता से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं, जिनके खिलाफ एकजुट जनदबाव बनाना आवश्यक है।

मंच के राज्य संयोजक आशीष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि जाति उत्पीड़न को रोकने के लिए बने कानूनों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में पीड़ितों की शिकायतें दबा दी जाती हैं, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शोषण मुक्ति मंच कोई जाति-आधारित संगठन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक भेदभाव, असमानता और शोषण के खिलाफ संघर्षरत एक जनमंच है, जिसमें समाज के सभी प्रगतिशील, संवैधानिक और समानता समर्थक लोगों को शामिल होना चाहिए।

आशीष कुमार ने कहा कि जब देश के राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तक को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है, तो आम नागरिक की स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ती जातीय हिंसा के विरोध में 17 नवंबर को आयोजित प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन में अधिक से अधिक लोगों से भाग लेने की अपील की।

अधिवेशन में सर्वसम्मति से नवीन कुमार को जिला संयोजक, तथा अजय कुमार और कमल को सह-संयोजक नियुक्त किया गया। साथ ही, 15 सदस्यीय जिला कार्यकारिणी का गठन भी किया गया।

मंच की नवनिर्वाचित कमेटी के संयोजक नवीन कुमार, सह-संयोजक कमल और अजय कुमार ने कहा कि 17 नवंबर को हमीरपुर में भी प्रदेश में बढ़ रहे दलित उत्पीड़न — विशेषकर रोहड़ू जैसी घटनाओं — के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन किया जाएगा।